'ये भिखूभाई दलसानिया...', SIR को लेकर तेजस्वी यादव का एक और अटैक, गुजरात से कनेक्शन पर बवाल
राजद नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा पर वोट की डकैती का आरोप लगाया है। उन्होंने मुजफ्फरपुर की मेयर और उनके देवरों के पास दो-दो वोटर आईडी होने की बात कही। तेजस्वी ने उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर भी मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि चुनाव आयोग भाजपा का साथ दे रहा है और जिंदा लोगों को मृत घोषित किया जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, पटना। RJD नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रेस-वार्ता कर भाजपा पर वोट की डकैती का आरोप लगाया। बिहार भाजपा के संगठन महामंत्री भिखुभाई दलसानिया का उल्लेख करते हुए कहा कि गुजरात के लोग भी बिहार में मतदाता बन रहे हैं।
इसी के साथ उन्होंने मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी और उनके दो देवरों के पास दो-दो मतदाता पहचान-पत्र (ईपिक) होने का आरोप लगाया।
उन्होंने उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर भी उंगली उठाई। इस आरोप के बाद मुजफ्फरपुर के निर्वाचक निबंधक पदाधिकारी ने मेयर और उनके देवरों को नोटिस भेजकर 16 अगस्त तक जवाब मांगा है।
तेजस्वी ने कहा कि मतदाता-सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में मृत घोषित लोग सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत हुए, लेकिन चुनाव आयोग मौनी बाबा बना हुआ है। वस्तुत: भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए जिंदा लोगों को मृत बताया जा रहा और भाजपा समर्थकों के नाम कई जगहों पर मतदाता-सूची में सम्मिलित किए जा रहे।
लोग इसे ‘मोदी का करिश्मा’ कहते हैं, लेकिन यह वोट की डकैती है। 2020 में भी राजद के साथ वोटों की चोरी हुई थी। पार्टी को कई सीटों पर कुछेक वोटों से हराया गया था।
तेजस्वी ने कहा कि मुजफ्फरपुर में एक ही विधानसभा क्षेत्र में मेयर निर्मला देवी और उनके दो देवरों (दिलीप कुमार और मनोज कुमार) के दो-दो वोट हैं। दोनों में उम्र अलग है। यह चुनाव आयोग की बेईमानी नहीं तो क्या है?
दलसानिया पहले गुजरात में वोट देते थे, लेकिन अब उन्होंने वहां से नाम कटवा लिया है और बिहार में वोट देने का प्रयास कर रहे हैं। अगर मैंने पर्दाफाश नहीं किया होता तो उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम मतदाता-सूची में एक जगह से नहीं कटता।
प्रश्न यह कि सिन्हा को मात्र एक जिले से नोटिस क्यों आया, जबकि उन्होंने दो जिलों में अपराध किया है? उल्लेखनीय है कि सिन्हा का नाम लखीसराय के साथ पटना की मतदाता-सूची में भी दर्ज था। तेजस्वी के आरेाप पर साक्ष्य के साथ सिन्हा बता चुके हैं कि पटना से नाम हटाने के लिए वे आवेदन कर चुके हैं।
इसके लिए लोकसभा चुनाव से पहले किया उनका आवेदन तकनीकी कारणों से निरस्त हो गया था। प्रेस-वार्ता में मंगनीलाल मंडल, अब्दुलबारी सिद्दीकी, रणविजय साहू, शक्ति सिंह यादव और एजाज अहमद आदि उपस्थित रहे।
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