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    Bihar News: क्या शिक्षण संस्थानों को RSS के हवाले किया जा रहा है? राजद के बयान से गरमाई सियासत

    Updated: Wed, 08 Jan 2025 08:37 AM (IST)

    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC) द्वारा सहायक प्रोफेसरों के पदों पर नियुक्ति का नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है जिसमें एमई और एमटेक कैंडिडेट्स को नेट क्वालिफाई करना जरूरी नहीं है। इस नए ड्राफ्ट को लेकर राजद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर आरोप लगाए हैं। राजद प्रवक्ता का कहना है कि आरएसएस के लोगों को अनुचित तरीके से शिक्षण संस्थाओं में घुसाने के लिए यह फैसला लिया गया है।

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    UGC के नए ड्राफ्ट पर राजद प्रवक्ता ने साधा निशाना

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजद का आरोप है कि केंद्र सरकार अप्रत्यक्ष रूप से उच्च शैक्षणिक संस्थानों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के हवाले करने का षड्यंत्र रच रही है। मंगलवार को बयान जारी कर राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। 

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    उन्होंने कुलपतियों एवं असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति से संबंधित यूजीसी का निर्णय आश्चर्यजनक एवं शिक्षा को रसातल में ले जाने वाला बताया है। इसके साथ ही इस पूरे मामले में RSS पर भी निशाना साधा है। 

    UGC के फैसले को बताया अव्यवहारिक

    चित्तरंजन गगन कहा कि यदि किसी दूसरे विषय के व्यक्ति को प्रोफेसर बना दिया जाएगा या शिक्षा जगत से बाहर के लोगों को कुलपति बनाया जाएगा तो शिक्षा व्यवस्था की क्या स्थिति होगी! यूजीसी के इस अव्यवहारिक फैसले से शिक्षा का महत्व ही समाप्त हो जाएगा।

    UGC के फैसले पर उठाए सवाल

    राजद के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रश्न यह है कि क्या इंजीनियर की डिग्री लिया हुआ व्यक्ति चिकित्सक का काम कर सकता है? अगर नहीं तो किसी दूसरे विषय का ज्ञाता अन्य विषय का प्रोफेसर कैसे हो सकता है। मान्य परंपरा है कि जिस विषय में व्यक्ति नीट या पीएचडी करता है, उस विषय का ही प्रोफेसर होगा।

    यूजीसी अब इसके प्रतिकूल निर्णय पर है। यह सारी पहल लोगों को शिक्षा से वंचित करने और आरएसएस के लोगों को अनुचित तरीके से शिक्षण संस्थाओं में घुसाने के लिए हो रही है।

    क्या है UGC का नया नियम

    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC) द्वारा सहायक प्रोफेसरों के पदों पर नियुक्ति के लिए नया ड्राफ्ट तैयार किया है। इसमें नियमों में बदलाव किया गया है। नए नियम के अनुसार, एमई और एमटेक कैंडिडेट्स को नेट क्वालिफाई करना जरूरी नहीं है। इसके साथ ही वाइस चांसलर के पदों पर भर्ती के नियमों में भी बदलाव किया गया है।

    नए नियम के अनुसार, 55 प्रतिशत अंकों के साथ मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (एमई) और मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (एमटेक) में पीजी डिग्री लेने वाले लोगों की सहायक प्रोफेसर के पद पर भर्ती की जा सकती है।

    इसके लिए नेट क्वालिफाई करना जरूरी नहीं है। UGC के इस फैसले को लेकर राजद प्रवक्ता ने आरएसएस पर निशाना साधा है।

    UG और PG के विषयों को लेकर फैसला

    UGC के नए ड्राफ्ट के अनुसार,अगर NET परीक्षा का विषय यूजी और पीजी से अलग है तो वे संबंधित विषय से नेट पास करने वाले उस विषय के प्रोफेसर बन सकते हैं। नए ड्राफ्ट में यूजी और पीजी में सबंधित विषयों की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है।

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