Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'जाने क्या गुनाह किया...' क्यों गुनगुना रहे RJD समर्थक? रुझानों ने तोड़ा कुर्सी का ख्वाब

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 02:11 PM (IST)

    बिहार चुनाव के नतीजों ने RJD समर्थकों को निराश कर दिया है। शुरुआती रुझानों में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर दिखने पर समर्थक निराशा में डूब गए और 'जाने क्या गुनाह किया...' जैसे गाने गुनगुनाने लगे। नतीजों की अनिश्चितता और पार्टी के प्रदर्शन को लेकर समर्थकों में निराशा का माहौल है।

    Hero Image

    महागठबंधन को तगड़ा झटका

    राधा कृष्ण, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 परिणाम के दोपहर दो बजे तक के रुझानों में एनडीए को स्‍पष्‍ट बहुमत मिला है, जबकि महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा है और नई नवेली जनसुराज का तो खाता तक नहीं खुल सका है। राजद का दफ्तर वीरान नजर आ रहा है तो भाजपा और जदयू के कार्यालय पर जश्‍न का माहौल है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजद के कार्यालय में लालटेन की लौ टिमटिमा रही, पोस्‍टर में नेता मुस्‍कुराते नजर आ रहे हैं, जबकि लालू कुनबे और कांग्रेस के नेताओं के दिलों का आलम थोड़ा गमगीन है।

    इन नेताओं के जेहन में बार-बार एक ही सवाल तैर रहा होगा.. जिसे एक गाने के बोल- 'जाने क्‍या गुनाह किया जो लुट गए' से समझा जा सकता है।

    दोपहर 2 बजे तक के रुझानों से 'दिल के आरमां दिल में ही रह गए.. कुर्सी का ख्‍वाब अधूरा रह गया' महागठबंधन के समर्थक मोबाइल स्क्रीन पर रिफ़्रेश मारते रहे, लेकिन ग्राफ़ वहीं का वहीं दिख रहा था।

    एक उम्मीद अभी भी

    RJD के दफ्तर में बैठा हर कार्यकर्ता शुरू से यही मानकर चल रहा था कि बस ये तो शुरुआती झटका है, कुछ ही देर में लालटेन की रोशनी पूरे स्क्रिन पर फैल जाएगी।

    लेकिन वक्त बीतता गया और रुझानों की दिशा बदलने के बजाय और साफ़ होती चली गई।

    इसके बाद पार्टी कैंपों में एक और सवाल उभरने लगा “मतदाता नाराज़ थे… या नेटवर्क ही डाउन चल रहा था?”

    हमेशा हंसने वाले तेज प्रताप के माथे पर भी लकीरें

    स्थिति तब और दिलचस्प हुई जब तेज प्रताप यादव भी बीच-बीच में रुझानों पर नज़र डालते दिखे रहे थे। कभी हल्की मुस्कान, कभी माथे पर लकीरें, जैसे वह भी समझने की कोशिश कर रहे हों कि आज गाड़ी पटरी पर क्यों नहीं आ रही।

    कार्यकर्ताओं में मज़ाक भी तैरने लगा...“अगर नेटवर्क डाउन है तो तेजू भइया का वाई-फाई ऑन करा दो!”
    लेकिन रुझानों ने किसी वाई-फाई का इंतज़ार नहीं किया और वे अपनी ही दिशा में भागते रहे।

    चेहरों पर मुस्कान कम, माथे पर शिकन ज़्यादा

    यह वही RJD है जो हर चुनाव में शुरुआती रुझानों को हवा में उछालकर जीत की थाली सजाने लगती थी। लेकिन इस बार तस्वीर उलट थी, चेहरों पर मुस्कान कम, माथे पर शिकन ज़्यादा थी

    बाहर खड़े युवा समर्थक कभी टीवी स्क्रीन देखते, कभी मोबाइल ऐप, कि शायद कहीं तो लालटेन की लौ तेज़ दिखे। लेकिन डिजिटल दुनिया ने आज दिल से ज़्यादा डेटा पर भरोसा दिखाया, और डेटा RJD के अनुकूल नहीं था।

    अभी भी रूझान पर उम्मीद... रिजल्ट अभी बाकी है

    पार्टी के अंदरूनी हलकों में भी चर्चा शुरू हो चुकी थी... कि आखिर क्या गलत हो गया? क्या यह उम्मीदवार चयन का असर था? क्या गठबंधन के समीकरण बिगड़ गए? या फिर मतदाता खामोशी से अपनी दिशा बदल चुके थे?

    सोशल मीडिया पर भी माहौल अलग था। मीम्स, कटाक्ष और चुटकुले हवा में उड़ने लगे। एक मीम तो वायरल हुआ
    RJD कह रही है... रुझान मत देखा करो, रिज़ल्ट आएगा तब बात करेंगे।


    डिजिटल जनता ने जवाब दिया... भैया, आज रुझान ही रिज़ल्ट से ज़्यादा साफ़ दिख रहा है।

    आखिर क्या गुनाह किए जो लुट गए?

    हालांकि यह भी सच है कि बिहार की राजनीति में उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं है। रुझान बदलते भी हैं, तस्वीरें भी उलटती हैं, और मैदान का खेल आख़िरी राउंड तक चलता है।

    लेकिन शुरुआती संकेतों ने RJD के लिए सोचने का बड़ा मौका दे दिया है, क्या जनता की उम्मीदें बदलीं, क्या वादों का असर कम हुआ, या फिर कोई और लहर थी जिसने लालटेन की रोशनी धुंधली कर दी?

     

    इतना साफ़ है कि आज RJD समर्थकों के मन में एक ही पंक्ति गूंज रही होगी...“जाने क्या गुनाह किया…”