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    Bihar Politics: 'वोटर लिस्ट से अभी और कटेंगे नाम', राजद नेता ने क्यों कही ये बात?

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 05:39 PM (IST)

    राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने चुनाव आयोग से पूछा है कि मतदाता सूची से हटाए गए नामों की श्रेणीवार जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है? उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को दी गई सूची में नाम हटाने का कारण नहीं बताया गया है। गगन ने आशंका जताई कि दस्तावेज़ जमा न करने पर और भी नाम हटाए जाएंगे और नए नाम जोड़े जाएंगे।

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    राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने चुनाव आयोग से पूछा सवाल

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने चुनाव आयोग से पूछा है कि आखिर किस मंशा से मतदाता-प्रारूप से हटाए गए मतदाताओं की सूची मतदान केंद्र सहित श्रेणीवार नहीं दी जा रही है। इसके बिना सत्यापन कैसे संभव होगा?

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    उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को दी गई सूची में नामों के विलोपित किए जाने के कारण का उल्लेख नहीं है। यह नहीं बताया जा रहा कि प्रारूप में सम्मिलित मतदाताओं में से कितनों ने वांछित दस्तावेज जमा किए हैं।

    गगन ने कहा कि चुनाव आयोग के रवैये से तो लग रहा कि 65 लाख के अलावा अभी डेढ़ से दो करोड़ के नाम दस्तावेज नहीं जमा कराने के कारण विलोपित किए जाएंगे और ऊपर से बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम जोड़े भी जाएंगे।

    चित्तरंजन के पास अभी महागठबंधन के चुनाव आयोग एवं कानून उप समिति के सदस्य का दायित्व है। बुधवार को उन्होंने बताया कि पहली अगस्त को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर महागठबंधन इसकी मांग कर चुका है। उससे पहले तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने सभी सीईओ के समक्ष इसका उल्लेख किया था।

    बाद में प्रेस-वार्ता के माध्यम से भी मांग हुई। पांच अगस्त को राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने सीईओ को पत्र लिखकर अपनी मांग दोहराई। उन्होंने पूछा है कि किनका नाम मृत्यु के आधार पर, किन वोटरों का विस्थापन और किन वोटरों का दोहरी प्रविष्टि के आधार पर विलोपित किया गया है। उस पर अगले दिन चुनाव आयोग से मिले पत्र में इनसे संबंधित ब्योरा के बजाय पुरानी बातें ही दोहराई गई हैं।

    सरकार के इशारे पर उखाड़े जा रहे राजद के पोस्टर

    राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि लोकतंत्र में अपनी बात रखने और जनता से वादे करने का अधिकार विपक्ष को भी है, लेकिन बिहार में सरकार इस नैतिक सच्चाई को नहीं समझती। पटना में तेजस्वी यादव के जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें राजद और महागठबंधन के वादों का उल्लेख है। विपक्ष की अपनी बात है। यहां तो सरकार तेजस्वी से ऐसी डरी हुई कि उन पोस्टरों को उखड़वा रही।

    उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट प्रमाण है कि तेजस्वी की लोकप्रियता से NDA में किस हद तक घबराहट और बेचैनी है। वैसे जनता जिसके साथ होती है, उसे ऐसे अवरोधों से कोई फर्क नहीं पड़ता। बिहार की जनता का विश्वास और समर्थन महागठबंधन के साथ है। इससे परिवर्तनकारी राजनीति को नया आयाम मिलेगा।