Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'शांति वन में अस्थियां कसमसा गईं होंगी...', गृहमंत्री अमित शाह की किस बात पर राजद सांसद मनोज झा ने कही यह बात?

    By Jagran NewsEdited By: Deepti Mishra
    Updated: Mon, 07 Aug 2023 07:29 PM (IST)

    राजद सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने दिल्‍ली सेवा बिल का विरोध करते हुए भाजपा को घेरा। इस दौरान राजद नेता मनोज झा ने केजरीवाल पर भी तंज कसते हुए कहा कि हम तो हमेशा पीड़ितों के साथ रहे हैं। जब जम्मू-कश्‍मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया जा रहा था उस वक्त हमने विरोध किया था लेकिन तब केजरीवाल सरकार के साथ खड़े हो गए।

    Hero Image
    राज्‍यसभा में गृहमंत्री अमित शाह (बाएं), राजद नेता प्रोफेसर मनोज झा (दाएं)।

    जागरण डिजिटल डेस्‍क, पटना/दिल्‍ली: लालू यादव की पार्टी राजद ने सोमवार को राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल के विरोध में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है। राजद सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने दिल्‍ली सेवा बिल के समर्थन में बोलते हुए भाजपा को जमकर घेरा तो साथ ही केजरीवाल पर भी कटाक्ष किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजद नेता मनोज झा ने कहा,'' यह विधेयक प्रतिगामी है। हम तो हमेशा पीड़ितों के साथ रहे हैं। जिस वक्त जम्मू-कश्‍मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया जा रहा था, आर्टिकल 370 हटाने का फैसला लिया गया, उस वक्त हमने विरोध किया था, लेकिन तब आम आदमी पार्टी सरकार के साथ खड़ी हो गई थी।''

    इतनी पावर का करोगे क्या ?

    राजद नेता ने राज्यसभा में अपने शुरुआती भाषण में भाजपा को घेरते हुए कहा, ''कई साल पहले भी देखा और आज भी देख रहे हैं कि जब भी कभी बहुत बड़ी सत्‍ता आती है तो कई तरह के ख्याल भी आते हैं।"

    उन्होंने कहा कि वह और राज्‍यसभा सदस्‍य जया बच्‍चन बात कर रहे थे कि आखिर पावर का करोगे क्या, इतने राज्यों में सरकार है। केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार है, फिर निर्वाचित सरकारों को क्यों परेशान किया जा रहा है।

    दिल्‍ली सेवा बिल पर बोलते हुए राजद नेता प्रोफेसर मनोज झा ने कहा, ''हमारी सरकार ने सोचा कि माननीय न्यायाधीशों के वेकेशन पर जाने से पहले उन्‍हें कुछ ऐसा पकडा दीजिए कि वे छुट्टी में भी सोचते रहें। इसलिए 19 मई को केंद्र सरकार इस बिल को ले आई। वरना माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने सोच-समझकर इसके खिलाफ फैसला सुनाया तो फिर इसकी जरूरत क्यों पड़ गई।''

    '56 की दिल्‍ली और आज की दिल्‍ली एकजैसी नहीं'

    उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा, ''ये बिल  प्रतिगामी है। मैंने इसे प्रतिगामी क्‍यों कहा, दुनिया देख रही है कि हम कितने प्रोग्रेसिव नेशन वाले लोग हैं। आप कहते हैं कि जवाहर लाल नेहरू नहीं चाहते थे।अरे, नेहरू 1956 में नहीं चाहते थे। सब जानते हैं कि नेहरू तब सार्वजनिक क्षेत्र पर कितना ध्यान देते थे और आज उसे बेचने पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।  1956 की दिल्‍ली और आज की दिल्‍ली एक जैसी नहीं है।''

    उन्होंने कहा, ''ऐतिहासिक तौर पर मुझे एक बात अच्छी लगी कि गृहमंत्री अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू को कोट किया। एक पल को मुझे लगा कि यह शांतिवन में नेहरू की अस्थियां कसमसा गईं होंगी, उन्‍हें बड़ा मजा आया होगा।''

    उन्होंने भीमराव आंबेडकर को भी कोट दिया, लेकिन कन्हैया लाल माणिक लाल मुंशी और एचवी कॉमथ को कोट नहीं किया। उनका कोट करते तो शायद स्थित और ज्यादा स्पष्ट हो जाती।