पंचायत सचिव को पसंद नहीं आई 'जूते मारने' वाली बात, राजद विधायक के खिलाफ दर्ज कराई FIR
मनेर के राजद विधायक भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव संदीप कुमार के बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद विवाद हो गया है। पंचायत सचिव ने विधायक के खिलाफ एससी-एसटी थाने में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें धमकी देने और अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, पटना। मनेर के राजद विधायक भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव संदीप कुमार के बीच मोबाइल पर पर हुई बातचीत का ऑडियाे इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया। अब बात थाने तक पहुंच गई।
विधायक के खिलाफ पंचायत सचिव ने सोमवार को एससी-एसटी थाने में आवेदन दिया है। पंचायत सचिव ने थाना पुलिस को बताया कि उनकी धमकी से असुरक्षा का आभास हो रहा है। उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।
विधायक के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई की मांग की है। एससी एसटी थाना पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर मामले की छानबीन में जुटी है।
सुरक्षा की जरूरत पड़ी तो मांग रखूंगा
वहीं, संदीप कुमार ने कहा कि अगर सुरक्षा की जरूरत पड़ेगी तो सीनियर अधिकारी से मिलकर अपनी मांग रखूंगा। फिलहाल भयभीत हूं।
संदीप कुमार बलुआ पंचायत में पंचायत सचिव के रूप में कार्यरत हैं एवं सराय पंचायत का अतिरिक्त प्रभार हैं, जो मनेर प्रखंड में आता है।
उन्होंने आवेदन में बताया कि 26 जुलाई की शाम 5.30 बजे वह मनेर प्रखंड कार्यालय में कार्य कर रहे थे। तभी उनके मोबाइल पर कॉल आया। फोन उठाने पर बोला गया कि मैं भाई वीरेंद्र जी बोल रहा हूं। पहली बार उनका फोन मेरे पास आया था, जिसकी वजह से उनको पहचानने में भूल कर दिया।
पूरा पता पूछने पर जूता मारने जैसा शब्द का प्रयोग कर धमकी देने लगे जो वर्तमान में मनेर विधान सभा क्षेत्र के विधायक हैं। मैनें उनसे पूछताछ कि क्या काम तो वह अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए बताया कि रिंकी देवी के पोते का मृत्यु प्रमाण अभी तक क्यों नहीं बना है? मुझे उनकी धमकी से असुरक्षा का आभास हो रहा है।
प्रसारित ऑडियो में जमकर हो रही बहस
दरअसल, राजद विधायक ने पंचायत सचिव संदीप भारती को जूते से मारने की बात मोबाइल पर कही थी। वह मनेर विधानसभा क्षेत्र के एक पंचायत सचिव को मृत्यु प्रमाण पत्र जल्द बनाने के लिए फोन किया था।
जो ऑडियो प्रसारित हो रहा है..उसमे कॉल रिसीव करते ही बोला जा रहा है, हेलो भाई वीरेंद्र बोल रहे हैं। सचिव बोलते हैं, हां बोलिये। भाई वीरेंद्र बोले.. कौन बोल रहा है रे।
सचिव बोलते हैं- किनसे बात करना है। भाई वीरेंद्र कहते हैं पंचायत सचिव से मैं बात करना चाह रहा हूं। फिर सचिव बोलते हैं कि हां पंचायत सचिव बोल रहे हैं बोलिये।
भाई वीरेंद्र बोलते हैं कि तुम भाई वीरेंद्र को नहीं पहचानता है और तू कहेगा कि बोलिए। सचिव बोलते हैं कि अपना परिचय दिजियेगा तब ना जानेंगे। इसके बाद काफी देर तक विधायक और पंचायत सचिव के बीच जमकर बहस हुई।
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