'छलनी कोसे सूप को...', लालू के बयान से छिड़ी सियासी जंग में कूदी RJD, परिवारवाद पर अब और मचेगी रार
Bihar Politics बिहार की सियासत को परिवारवाद के मुद्दे ने गर्मा दिया है। लालू यादव के बयान से शुरू हुआ वार-पलटवार और बयानबाजी का ये सिलसिला अभी थमता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। अब इस सियासी जंग में राजद ने अपना स्टैंड क्लियर करते हुए राजग और उसमें शामिल दलों पर नेताओं के नाम गिनाते हुए जमकर हमला बोला है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में की राजनीति में परिवारवाद को लेकर छोड़ी जंग तेज होने लगी है। गांधी मैदान में जन विश्वास रैली के मंच से लालू प्रसाद ने पीएम मोदी के परिवार को लेकर सवाल उठाए। जवाब में मोदी कुनबे ने मैं भी मोदी का परिवार अभियान छेड़ दिया।
इसके बाद बिहार यात्रा पर आए पीएम नरेंद्र मोदी ने लालू प्रसाद पर जमकर जवाबी हमले किए। यह सिलसिला आज भी जारी है, भाजपा के मैं भी मोदी का परिवार अभियान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आने के बाद एक बार फिर परिवारवाद को लेकर भाजपा पर तरह-तरह के आरोप लगाए हैं।
राजद ने लगाया आरोप
राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने शुक्रवार को कहा कि 'छलनी कोसे सूप को'। भाजपा जहां खुद गृह मंत्री परिवार की परिपाटी को आगे बढ़ाने में जुटे हैं, वो दूसरे पर आरोप लग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में शाह, सिंधिया जैसे नेता परिवारवाद की परंपरा के नेता हैं, वही पार्टी राजद को कठघरे के खड़ा करने का हास्यास्पद प्रयास करती नजर आती है। शक्ति ने कहा जब छलनी में छेद हो तो उसे सूप को कोसने का अधिकार किसने दिया।
बोलने से पहले सौ बार सोचते : अहमद
वहीं, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि परिवारवाद की बात करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पार्टी और गठबंधन में अंदर पनप रहे परिवारवाद को देख लिए होते तो शायद परिवारवाद पर बोलने से पहले सौ बार सोचते।
गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र जय शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह, सिंधिया परिवार, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, किरण रिजिजू,बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का परिवार, नारायण राणे परिवार, सीपी ठाकुर परिवार, नितिन नवीन परिवार सहित बिहार का आधा मंत्रिमंडल परिवार की राजनीति का पोषक है।
जिनके घर शीशे के हों...
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता चितरंजन गगन ने बिहार का हवाला देकर कहा कि बिहार में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, मंत्री संतोष कुमार मांझी, और सुमित सिंह जैसे लोग मंत्रिमंडल में पारिवारिक शोभा बढ़ा रहे हैं।
शक्ति सिंह, एजाज अहमद और चितरंजन गगन ने अलग-अलग बयान जारी कर कहा कि भाजपा के नेता अपने अंदर झांक लें तो बेहतर रहेगा। क्योंकि जिनके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरे के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते। भाजपा में परिवारवाद की श्रृंखला है और एनडीए में जितने भी घटक दल हैं, सभी के सभी परिवारवाद के पोषक हैं।
इन पार्टियों पर भी लगाया आरोप
जनता दल सेक्युलर एचडी देवगौड़ा की पार्टी, जीतन राम मांझी की हम पार्टी, चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास, पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा, अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल, आरएलडी जयंत चौधरी सहित दर्जनों पटिया हैं, जो परिवारवाद को बढ़ावा दे रही हैं, परिवारवाद की पोषक हैं।
इसके बावजूद प्रधानमंत्री को विपक्षी दलों में ही परिवारवाद दिखता है। उन्हें पहले अपने दाग धोने चाहिए, इसके बाद विपक्ष पर आरोप लगाना चाहिए।
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