Patna News: अल्ट्रासाउंड के लिए नहीं पड़ेगा भटकना, सुविधा में नंबर 1 बनने के लिए तैयार हो रहा पटना
पटना के सिविल सर्जन ने मातृ-शिशु मृत्युदर कम करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति को पत्र लिखकर बाढ़ पालीगंज बख्तियारपुर और गर्दनीबाग सहित विभिन्न अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड मशीनें लगाने का आग्रह किया है। दानापुर अस्पताल के लिए नई मशीन और सदर अस्पताल के लिए पोर्टेबल मशीन की मांग की गई है क्योंकि वर्तमान में केवल कुछ ही सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध है।

जागरण संवाददाता, पटना। मातृ-शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए गर्भावस्था में जांच की सबसे विश्वनीय अल्ट्रासाउंड जांच सुविधा बढ़ाने के लिए सिविल सर्जन ने राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत को पत्र लिखा है। सिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह ने अनुमंडलीय अस्पताल बाढ़ व पालीगंज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बख्तियारपुर, गर्दनीबाग अस्पताल में एक-एक सामान्य अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित करने की मांग की है।
वहीं, दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन आठ वर्ष पुरानी होने के कारण होने वाली परेशानी का हवाला देते हुए नई सामान्य मशीन मांगी है।
इसके अलावा गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल में एक सामान्य मशीन कार्यरत होने के बावजूद गंभीर रोगियों की जांच के लिए पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन देने का आग्रह किया गया है।
31 अस्पताल, अभी छह में होता अल्ट्रासाउंड
सिविल सर्जन के अधीन जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उससे उच्च स्तर के 31 अस्पताल हैं। इनमें से सिर्फ छह सदर अस्पताल गुरु गोविंद सिंह, दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल, बिहटा, नौबतपुर, मोकामा के रेफरल हास्पिटल व मसौढ़ी के अनुमंडलीय अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड जांच होती है। शहरी क्षेत्र में सिर्फ गुरु गोविंद सिंह में ही मुफ्त अल्ट्रासाउंड जांच सुविधा होती है।
- अल्ट्रासाउंड मशीनों की तत्काल आवश्यकता
- मातृ-शिशु मृत्युदर कम करने का प्रयास
- अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड सुविधा का विस्तार
अल्ट्रासाउंड जांच इन अवस्थाओं में उपयोगी
- गर्भावस्था में भ्रूण की उम्र, स्थिति व हृदय गति समेत विकास की निगरानी।
- लिवर, किडनी, पित्ताशय, तिल्ली, अग्न्याशय आदि अंगों में पथरी, ट्यूमर, सूजन का मूल्यांकन।
- हृदय की धड़कन, वाल्व की स्थिति, रक्त प्रवाह व कार्यप्रणाली की जांच।
- स्त्री रोग एवं प्रजनन स्वास्थ्य में गर्भाशय व डिम्बग्रंथि की स्थिति व संतानहीनता के कारणों की जांच में उपयोग।
- यूरिन में रुकावट, प्रोस्टेट ग्रंथि, मूत्राशय की स्थिति की जांच।
- मांसपेशियों व जोड़ो में सूजन, तरल पदार्थ संग्रह या चोट का पता लगाना।
- डाप्लर अल्ट्रासाउंड से रक्त प्रवाह की दिशा-गति का विश्लेषण, थक्के, नसों में रुकावट या वैरिकोज़ वेन्स की जांच में भी यह उपयोगी।
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