Rakshabandhan 2025: पटना में रक्षाबंधन को लेकर बाजार गुलजार, सोने-चांदी की राखियों की मांग बढ़ी; देखें रेट
पटना के सर्राफा बाजार में रक्षाबंधन की धूम है। सोने-चांदी की राखियों की मांग बढ़ी है हालांकि कीमतें पिछले साल से अधिक हैं। डिजाइनर राखियाँ जिनमें गणपति ओम और रुद्राक्ष थीम शामिल हैं पसंद की जा रही हैं। पर्सनलाइज्ड राखियों का चलन भी है। बहनें अपने भाइयों के लिए खास राखियां खरीदने में उत्साह दिखा रही हैं। बाजार में रौनक है और व्यापारियों को अच्छी बिक्री की उम्मीद है।

जागरण संवाददाता, पटना। रक्षाबंधन को लेकर पटना का सर्राफा बाजार इन दिनों रंग-बिरंगी और कीमती राखियों से गुलजार है। पिछले साल की तुलना में इस साल सोने-चांदी की कीमतों में 12 हजार रुपये की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन भाई-बहन के प्यार का त्योहार इससे अछूता है।
यही वजह है कि इस बार पारंपरिक धागों के साथ-साथ सोने-चांदी की राखियों की बिक्री में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है। इस बार बाजार में ब्रांडेड सोने और हीरे की राखियों की भी खास मांग है। कई बड़े ज्वेलरी ब्रांड सोने-चांदी की राखियां लेकर आए हैं।
इन बड़ी कंपनियों की डिजाइनर राखियां ग्राहकों को आकर्षित कर रही हैं। इनमें से कुछ राखियां पतली सोने की चेन के साथ आती हैं, तो कुछ हीरे या कुंदन से जड़ी होती हैं। इन राखियों की कीमत पांच हजार से शुरू होकर 15 हजार रुपये तक पहुंचती है।
फ्रेजर रोड स्थित तनिष्क के प्रबंधक उमेश टेकरीवाल बताते हैं कि चांदी की राखियां 1200 से 2200 रुपये और सोने की राखियाँ 20,000 से 50,000 रुपये तक की कीमत पर उपलब्ध हैं। बताया जाता है कि पिछले साल की तुलना में इस साल सोने की कीमत में लगभग 12,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत में 21,000 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है।
इसके बावजूद, ग्राहक अपनी बहनों की राखी को खास बनाने के लिए दिल खोलकर खर्च कर रहे हैं। बोरिंग रोड सेविका ज्वेलर्स के मोहित खेमका ने बताया कि राखी के लिए आकर्षक सोने और चांदी की राखियों की काफी मांग है। बहनें अपनी पसंदीदा राखियाँ खरीद रही हैं। पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अनुसार, सोने और चांदी की राखियों की मांग 20 प्रतिशत अधिक है।
डिजाइनों में नया चलन
इस बार राखियों में गणपति, ओम, स्वास्तिक और रुद्राक्ष से जुड़ी थीम काफी पसंद की जा रही हैं। इसके साथ ही पर्सनलाइज्ड राखियों का चलन भी बढ़ा है, जिसमें भाई का नाम या राशि उकेरी जा सकती है। व्यापारियों के अनुसार, रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, भावनाओं का प्रतीक है।
यही वजह है कि दाम चाहे जो भी हों, बहनें इस दिन को खास बनाने से पीछे नहीं हटतीं। बिहार राज्य व्यवसाय संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय गुप्ता कहते हैं कि राखियों का कारोबार बढ़ा है। राखियों के नए-नए डिजाइनों की मांग बढ़ी है। अब बहनें अपने भाई के साथ-साथ भाभी को भी बड़ी राखियां बांध रही हैं।
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