Bihar Politics: राहुल गांधी की सक्रियता से बढ़ेगी महागठबंधन की ताकत, सासाराम से किया चुनावी रण का आगाज
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राहुल गांधी की सक्रियता महागठबंधन को एकजुट करने का प्रयास है। सासाराम में आकाशवाणी के मुद्दे पर महागठबंधन के नेता एक साथ आए। राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा जिसे वे लोकतंत्र बचाओ अभियान कह रहे हैं विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास है। कांग्रेस समेत कई दलों ने सासाराम में चुनावी लड़ाई का शंखनाद किया।

सुनील राज, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा से ठीक पहले राहुल गांधी की बिहार में सक्रियता इस बात का संदेश है कि इस बार वह महागठबंधन को एकजुट रखने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। सासाराम में आकाशवाणी (विशेष गहन पुनरीक्षण) के बहाने महागठबंधन के नेता एक मंच पर आए तो उन्होंने जहां अपनी एकता दिखाई, वहीं एसआईआर का विरोध करने वाले मतदाताओं को भी जोड़ते नजर आए।
दरअसल, करीब पांच साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में हुई गलतियों से सबक लेते हुए राहुल गांधी इस बार चुनाव से पहले लगातार बिहार में सक्रिय हैं। मतदाता अधिकार यात्रा समेत यह इस साल राहुल गांधी का छठा बिहार दौरा है। इस साल वह जनवरी, फरवरी, अप्रैल, मई और फिर जून में बिहार का दौरा कर चुके हैं। इस बार के अपने दौरे में वह अगले एक पखवाड़े तक लगातार बिहार में रहने वाले हैं।
कांग्रेस दो दशक से भी ज्यादा समय से बिहार में अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन सफलता उससे कोसों दूर है। लेकिन अब कांग्रेस के हाथ एक ऐसा तुरुप का पत्ता लग गया है, जिससे वह अपनी ज़मीन मज़बूत कर रही है और दूसरी ओर महागठबंधन को एनडीए से कड़ी टक्कर के लिए तैयार भी कर रही है।
वह तुरुप का पत्ता है SIR। जिसका कांग्रेस के साथ-साथ महागठबंधन के सभी सहयोगी दल विरोध कर रहे हैं। राहुल गांधी ने इसे वोट चोरी का हथियार बताते हुए मतदाता अधिकार यात्रा का ऐलान किया था और अब इसे अमली जामा पहनाने के लिए मैदान में कूद पड़े हैं।
राहुल गांधी के संदेशों में एक बात साफ़ दिखाई देती है कि वह मतदाता अधिकार यात्रा आंदोलन को लोकतंत्र बचाओ अभियान बताकर विपक्ष को लोकतांत्रिक लड़ाई में सबसे आगे रखना चाहते हैं। आज पूरा विपक्ष एकजुट होकर इस मुहिम में उनके साथ उतर आया है।
कांग्रेस के अलावा राजद, माकपा, भाकपा, भाकपा (माले) और विकासशील इंसान जैसी पार्टियों ने रविवार को सासाराम के मंच से बता दिया कि इस बार चुनावी लड़ाई आसान नहीं होने वाली है।
राहुल गांधी की इस सक्रियता में उनके साथ मल्लिकार्जुन खड़गे और लालू प्रसाद जैसे अनुभवी नेताओं के साथ-साथ तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, मुकेश सहनी, राजेश राम, कृष्णा अल्लवारू जैसे युवा चेहरे भी हैं।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में यह यात्रा अगले एक पखवाड़े में दो दर्जन जिलों के लगभग दो विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेगी और अपनी चुनावी ज़मीन मज़बूत करने के साथ-साथ मतदाताओं से जुड़ने की भी कोशिश करेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।