Bihar Politics: 'राहुल-तेजस्वी पर हावी है आभासी दुनिया के एक्टिविस्ट बनने की खुमारी', विजय सिन्हा का तीखा हमला
बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने मंगलवार को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं पर आभासी दुनिया का एक्टिविस्ट बनने की खुमारी है। सिन्हा बोले कि उन्हें राजग की डबल इंजन सरकार की इन उपलब्धियों को देखकर अपने-अपने परिवार के कृत्यों का विश्लेषण करना चाहिए। तब संभवत उन्हें वास्तविकता ज्ञान भी होगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प में विकसित बिहार भी उल्लेखनीय भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में साफ नीयत, स्पष्ट नीति और दृढ़ निश्चय के साथ हम बिहार को बहुमुखी विकास के पथ पर तेजी से बढ़ाने में सफल होंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में केंद्रीय बजट का आकार तीन गुना बढ़ा है। संसाधनों पर निवेश का सबसे उत्पादक माध्यम समझा जाने वाला पूंजीगत व्यय पांच गुना से अधिक बढ़ा है। यह उपलब्धि करों में ऐतिहासिक कटौती के साथ प्राप्त हुई है।
'नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 की तुलना में...'
विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 की तुलना में बिहार का बजट लगभग 12 गुना बढ़ा है। 2005 से अब तक सड़क निर्माण पर समेकित रूप से डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक व्यय हुए हैं।
राहुल-तेजस्वी पर बोला हमला
सिन्हा ने राहुल-तेजस्वी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, लोकसभा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष क्रमश: राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर आजकल आभासी दुनिया का एक्टिविस्ट बनने की खुमारी हावी है।
सिन्हा बोले कि उन्हें राजग की डबल इंजन सरकार की इन उपलब्धियों को देखकर अपने-अपने परिवार के कृत्यों का विश्लेषण करना चाहिए। तब संभवत: उन्हें वास्तविकता ज्ञान भी होगा और धरातल पर उतर कर सकारात्मक राजनीति करने की प्रेरणा भी मिलेगी।
बजट की आड़ में राहुल बोल रहे विखंडन की भाषा : रुंगटा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश रुंगटा ने बयान जारी कर मंगलवार को कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बजट पर चर्चा के दौरान भी विभाजनकारी राजनीति से बाज नहीं आए। उन्होंने धर्म और जाति के आधार पर लोगों को बांटने के उद्देश्य से कहा कि देश का बजट दलित, आदिवासी और ओबीसी के लोगों ने नहीं बनाया है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी यह बताएं कि कांग्रेस के शासनकाल में आदिवासी, दलित और ओबीसी के अफसर क्या इस काम को करते थे? उस समय भी तो यही स्थिति थी। बजट बनाने वाले इन अधिकारियों की नियुक्ति तो कांग्रेस शासन-काल में ही की गई थी। यदि राहुल गांधी को इन समुदाय के लोगों से इतना ही प्रेम है तो वे बताएं कि जिन राज्यों (कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश) में कांग्रेस की सरकार है, वहां इन वर्गों के कितने अफसरों की हिस्सेदारी होती है?
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