बिहार से न्याय मांगने आ रहे राहुल गांधी, बाजी पटलने के बाद I.N.D.I.A की लाज बचाने के लिए इन 4 सीटों पर फोकस
Rahul Gandhi Bharat Jodo Nyay Yatra कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर सोमवार को बिहार में दाखिल होने जा रहे हैें। इस बीच प्रदेश में सत्ता बदल गई है। इसके साथ ही समीकरण भी बदल गए हैं। ऐसे में जिन चार सीटों पर उनका फोकस है वहां उन्हें अब आइएनडीआइए के सूत्रधार से ही चुनौती मिलेगी।
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। राहुल गांधी के आगमन के ठीक एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस बिहार की सत्ता से बेदखल हो गई। आज से सात माह पहले (23 जून, 2023) भी राहुल बिहार आए थे। तब दिल्ली की सत्ता के लिए विपक्षी दलों ने पटना से चक्रव्यूह रचना की शुरुआत की थी। उसके सूत्रधार नीतीश कुमार थे।
आइएनडीआइए उस पहल का परिणाम रहा। इस बीच विपक्षी एकता के सूत्रधार ने दूसरे व्यूह की रचना कर दी। उसमें महागठबंधन के दूसरे घटक दलों के साथ कांग्रेस भी धराशायी हो गई।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा के क्रम में राहुल जब सोमवार को सीमांचल पहुंचेंगे तो स्वागत में वह धूल-धूसरित कांग्रेस ही मिलेगी, जो अपने 19 विधायकों को संभालने में इस कड़ाके की सर्दी में भी पसीने बहा रही।
पांच राज्यों के 100 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेंगे राहुल
न्याय यात्रा को वैचारिक उद्देश्यों की पूर्ति का आधार बता रही कांग्रेस ने बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सहभागिता की चुनौती की आशंका शुरुआती दौर में ही व्यक्त की थी।
बंगाल में वह आंशिक रूप से झेल भी चुकी है और बिहार सामने है। पूरब से पश्चिम की ओर जिन सौ लोकसभा क्षेत्रों से राहुल गुजरेंगे, उनमें 58 हिंदी भाषी राज्यों में हैं।
उनमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को पिछली बार एक-एक सीट पर सफलता मिली थी। छत्तीसगढ़ में वह दो सीटों पर सफल रही थी और राजस्थान में खाली हाथ।
बिहार में संघर्ष वाली शेष आठ सीटों पर निकटतम प्रतिद्वंद्वी का श्रेय भी उसके पास है। पिछली बार वह नौ सीटों पर लड़ी थी।
बिहार की इन चार सीटों को करेंगे कवर
उनमें से चार सीटों (किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, सासाराम) को राहुल इस यात्रा में कवर करेंगे। झारखंड में गिरिहीड, धनबाद, हजारीबाग, रांची, जमशेदपुर, दुमका, कांटी, सिंहभूम और पलामू संसदीय क्षेत्र से राहुल की यात्रा गुजरेगी। उनमें से सात भाजपा के पास हैं।
कांग्रेस सिंहभूम में विजयी रही थी और गिरिडीह पर अभी आजसू का कब्जा है। इनमें से अधिसंख्य सीटें बिहार की सीमावर्ती हैं और एक-दूसरे की स्थिति-परिस्थिति से चुनाव में कुछ हद तक प्रभावित भी होती हैं। ऐसी ही इक्का-दुक्का सीटें बंगाल और उत्तर प्रदेश की भी हैं।
राहुल बिहार से दो बार गुजरेंगे
मणिपुर से मुंबई के लिए निकली न्याय यात्रा आरक्षित श्रेणी के 30 संसदीय क्षेत्रों (13 अनुसूचित जाति और 17 अनुसूचित जनजाति) को भी कवर करेगी। उनमें से बिहार का सासाराम भी है। राहुल बिहार से दो बार गुजरेंगे।
पहले चरण में वे सीमांचल के चार संसदीय क्षेत्रों (किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार) में जनसंवाद व जनसभा कर झारखंड निकल जाएंगे। दूसरे चरण में वे झारखंड होते हुए शाहाबाद में प्रवेश करेंगे और उत्तर प्रदेश होते हुए गंतव्य की ओर बढ़ेंगे।
दूसरे चरण में भी उनकी यात्रा चार संसदीय क्षेत्रों (बक्सर, औरंगाबाद, काराकाट, सासाराम) से गुजरेगी। अभी बिहार में कांग्रेस विशेषकर इसी क्षेत्र को उर्वर मान रही।
पिछले चुनाव में महागठबंधन से कांग्रेस की एकमात्र सीट पर सफल रही थी और वह भी किशनगंज में। उसका नाज रखते हुए राहुल बंगाल से किशनगंज होते हुए बिहार में प्रवेश कर रहे हैं।
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