बजट निर्माण में आमजन की बढ़े भागीदारी, ऑनलाइन सुझाव से मजबूत हो सकती है लोकतांत्रिक प्रक्रिया
केंद्र सरकार आम बजट की तैयारियों में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करती है। नागरिक MyGov.in और वित्त मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन सुझाव दे सकत ...और पढ़ें

ऑनलाइन सुझाव से मजबूत हो सकती है लोकतांत्रिक प्रक्रिया
जागरण संवाददाता, पटना। केंद्र सरकार हर वर्ष आम बजट की तैयारियों के दौरान जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाती है। इस प्रक्रिया में आम नागरिक ऑनलाइन माध्यम से अपने सुझाव सीधे सरकार तक पहुंचा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाए तो बजट अधिक जनोन्मुखी और व्यावहारिक बन सकता है।
फैकल्टी, बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (बीआईपीएफपी) के डॉ. बशिष्ठ अमित कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत का बजट केवल एक वित्तीय दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की आर्थिक प्राथमिकताओं और भविष्य की दिशा तय करने वाला महत्वपूर्ण माध्यम है। भारत के बजट पर पूरे विश्व की नजर रहती है, क्योंकि इससे न केवल देश की आंतरिक अर्थव्यवस्था, बल्कि वैश्विक बाजारों पर भी असर पड़ता है।
उन्होंने बताया कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में केंद्र सरकार आम बजट पेश करती है, जबकि उससे पहले राज्यों द्वारा अपने सुझाव केंद्र को भेजे जाते हैं। आज के डिजिटल युग में आम नागरिक भी केंद्र सरकार की वेबसाइट www.mygov.in और वित्त मंत्रालय की वेबसाइट www.finmin.nic.in के माध्यम से बजट से जुड़े अपने सुझाव दे सकते हैं। ये सुझाव विभिन्न विषयों, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, उद्योग और सामाजिक कल्याण से संबंधित हो सकते हैं।
डॉ. सिन्हा के अनुसार, बजट निर्माण की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। बजट पेश होने से कुछ माह पहले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से प्रस्ताव लिए जाते हैं। इसके बाद राज्यों से सुझाव प्राप्त होते हैं और अंततः केंद्रीय वित्त मंत्रालय सभी पहलुओं पर विचार कर अंतिम बजट का स्वरूप तय करता है। यदि इस पूरी प्रक्रिया में आमजन की भागीदारी को गंभीरता से शामिल किया जाए, तो इससे नीतियों की गुणवत्ता और स्वीकार्यता दोनों बढ़ सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि आम नागरिकों के सुझाव जमीनी समस्याओं को सामने लाने में मदद करते हैं। इससे सरकार को यह समझने में आसानी होती है कि जनता की वास्तविक जरूरतें क्या हैं। बजट में जनभागीदारी बढ़ने से पारदर्शिता और जवाबदेही भी मजबूत होती है, जो लोकतंत्र की बुनियाद को और सशक्त बनाती है।
कुल मिलाकर, ऑनलाइन सुझाव की व्यवस्था आम लोगों को नीति निर्माण से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बन सकती है। आवश्यकता है इसे अधिक प्रचारित करने और सुझावों पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने की, ताकि बजट सही मायनों में ‘जन बजट’ बन सके।

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