SC के चीफ जस्टिस कौन? PU के छात्रों का जवाब- प्रणव मुखर्जी, नरेंद्र मोदी
जब पटना यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों से देश के सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस का नाम पूछा गया तो ज्यादातर छात्रों का जवाब था- प्रणव मुखर्जी और नरेंद्र मोदी।
पटना [जेएनएन]। सूबे के सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी, पटना विश्वविद्यालय के बीए, बीएससी और बीकॉम के छात्र पूछने पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का नाम प्रणब मुखर्जी और नरेंद्र मोदी बता रहे हैं। वे भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत होने का साल भी अलग-अलग बता रहे हैं।
वे अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का नाम भी शुद्ध नहीं लिख पा रहे। देश के ये भावी कर्णधार कुछ दिनों में डिग्रियां हासिल कर नौकरी मांगेंगे और कहीं -न-कहीं नौकरी भी करेंगे।
उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों से देश और समाज को काफी उम्मीदें रहती हैं। यह भी माना जाता है कि उनका बौद्धिक स्तर उच्च होगा। कम से कम उनका सामान्य ज्ञान का स्तर काफी बेहतर होगा लेकिन, अगर स्नातक के छात्रों को देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के नाम न मालूम हो या इनमें फर्क न पता हो तो अनुमान लगाया जा सकता है कि उच्च शिक्षा की हालत किस हद तक दयनीय हो चुकी है।
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बीए, बीएससी और बीकॉम के छात्र-छात्र भारत छोड़ो आंदोलन शुरू होने के वर्ष पर भी ढेर सारे उत्तर दे रहे हैं। यह केवल परीक्षा में अंक हासिल ख्याल करने के ख्याल से दुखद नहीं है, बल्कि बता रहा है कि उच्च शिक्षा हासिल कर रही युवा पीढ़ी फेसबुक और वाट्सएप के तो खूब निकट है, लेकिन वह ज्ञान की दुनिया से काफी दूर होती जा रही है।
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जिन सवालों के जवाब तीसरी-चौथी कक्षा के छात्र दे सकते हैं या जिनके जवाब देश के अनपढ़ आदमी को भी आम तौर पर पता होता है, उनके जवाब स्नातक के छात्रों को नहीं पता होना शिक्षा व्यवस्था के खोखलेपन को जाहिर करता है।
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