Bihar Police: 1172 अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त, बनेंगे 100 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट; एक्शन मोड में DGP
बिहार पुलिस ने अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। 1249 थानों में 1172 अपराधी चिह्नित किए गए हैं जिनमें बालू शराब और भूमि माफिया शामिल हैं। हत्या डकैती जैसे मामलों में जल्द सजा के लिए 100 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट खुलेंगे। संपत्ति जब्ती भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 107 के तहत होगी जिसमें अपराधियों को 14 दिनों का समय मिलेगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस ने अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य के 1249 थानों में अब तक 1172 अपराधियों की संपत्ति को जब्ती के लिए चिह्नित किया गया है। इनमें बालू, शराब और भूमि माफिया के साथ रंगदारी-लूट आदि के जरिए अवैध संपत्ति अर्जित करने वाले अपराधी शामिल हैं।
इसके अलावा हत्या, डकैती, लूट जैसे गंभीर कांडों में जल्द सजा दिलाने के लिए 100 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट भी खोले जाएंगे। पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार को इससे जुड़ा प्रस्ताव भेजा है। डीजीपी विनय कुमार ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
डीजीपी ने बताया कि वर्तमान में संपत्ति जब्ती के 239 प्रस्ताव अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ), 212 प्रस्ताव एसपी और 188 प्रस्ताव कोर्ट के समक्ष विचाराधीन हैं। अभी तक चार मामलों में संपत्ति जब्त किए जाने का आदेश पारित किया जा चुका है। संपत्ति जब्ती की कार्रवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 107 के तहत की जाएगी। इसके अंतर्गत अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) और एसपी के अनुमोदन के बाद सीधे कोर्ट को संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव दे सकेंगे।
कोर्ट में संपत्ति जब्ती के प्रस्ताव पर सुनवाई के दौरान जवाब के लिए संबंधित अपराधी को 14 दिनों का समय दिया जाएगा अगर इस दौरान जवाब नहीं मिलता है, तो कोर्ट एकपक्षीय फैसला सुना सकेगी। यदि अपराध से पीडि़त व्यक्तियों की पहचान हो गई है, तो संबंधित डीएम को 60 दिनों के अंदर जब्त संपत्ति का विवरण पीड़ितों के बीच करना होगा। चिह्नित किए गए अपराधियों के प्रथम अपराध के बाद अर्जित की गई संपत्ति को अवैध मानकर जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
ईडी को भेजा तीन अपराधियों की पांच करोड़ की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव:
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के अंतर्गत इस साल अभी तक तीन अपराधियों की पांच करोड़ की संपत्ति अधिग्रहित करने का प्रस्ताव ईडी को भेजा है। इनमें ठगी जालसाजी के मामले में मधुबनी के मनोज झा, हत्या, लूट, रंगदारी मामले में मुजफ्फरपुर के राकेश कुमार उर्फ चुन्नु ठाकुर और भू-माफिया, फिरौती, रंगदारी मामले में पटना के खुसरूपुर का संजय कुमार उर्फ संतोष कुमार डान के नाम शामिल हैं।
गंभीर कांडों की सुनवाई को बनेंगे 100 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट:
राज्य में हत्या, लूट, डकैती, अपहरण जैसे गंभीर कांडों की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय बनाए जाएंगे। डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि इसके लिए 100 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।
पटना समेत बड़े जिलों में पांच, मध्यम जिलों में तीन और अरवल-शिवहर जैसे छोटे जिलों में दो फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाने का प्रस्ताव है। इन विशेष कोर्ट में रिटायर्ड जज की सेवा लेने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा आर्म्स एक्ट के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसके लिए भी अलग से विशेष कोर्ट बनाए जाने की योजना है।
राज्य में 2011 के आसपास करीब 178 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए थे जिसके माध्यम से बड़ी संख्या में सजा सुनाई गई थी मगर बाद में यह मामला ठंडा पड़ गया। वर्तमान में पाक्सो, शराबबंदी, एससी-एसटी आदि मामलों के लिए अलग से विशेष कोर्ट हैं।
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