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    Prashant Kishor की वैनिटी वैन के राज से उठा पर्दा! एक लेटर ने खोल दी पूरी 'कुंडली', अब क्या करेंगे पीके?

    प्रशांत किशोर पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं जहां उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही है। इस बीच उनकी वैनिटी वैन पर जांच शुरू हो गई है। पटना जिला परिवहन कार्यालय ने वैन के रजिस्ट्रेशन और टैक्स से संबंधित समस्याओं का पता लगाया है। वैन का रजिस्ट्रेशन पंजाब में है और वाहन का रोड टैक्स ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है जो नियमों के खिलाफ है।

    By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 07 Jan 2025 09:51 PM (IST)
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    प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन से जुड़े राज से पर्दा उठा

    जागरण टीम, पटना। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) अभी पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं। उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सीनियर डॉक्टरों की देख-रेख में उनका इलाज चल रहा है। इस बीच उनकी वैनिटी वैन (Prashant Kishor Vanity Van) एक बार फिर चर्चा में आ गई है।

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    दरअसल, पटना जिला परिवहन कार्यालय ने प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन को लेकर जांच शुरू कर दी है। इससे संबंधित एक पत्र भी सामने आया है।

    2011 में खरीदी वैन, रजिस्ट्रेशन 2017 में हुआ

    परिवहन विभाग के पत्र से पता चलता है कि पटना के गांधी मैदान में अनशन के दौरान जिस वैनिटी वैन का इस्तेमाल प्रशांत किशोर रहे थे, उसे 6 जून, 2011 में खरीदा गया था। हालांकि, वाहन का रजिस्ट्रेशन 28 नवंबर 2017 को कराया गया।

    रोड टैक्स की कोई जानकारी नहीं मिली

    वैनिटी वैन का निबंधन Fully Build Category में किया गया है। वाहन पर DC कंपनी का लोगो लगा हुआ है। एक और बात सामने आई है कि वाहन का रोड टैक्स ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं हो रहा है, ना ही वाहन का मूल्य प्रदर्शित हो रहा है। जिससे रोड टैक्स का पता लगाया जाता है।

    पंजाब में रजिस्टर है वैनिटी वैन

    संबंधित वैनिटी वैन के डाइमेंशन का भी ऑनलाइन कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। एक और बात पता चली है कि वाहन का निबंधन पंजाब है, जबकि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 49 (1) के अंतर्गत 30 दिनों के अंदर वाहन स्वामी को अपने आवासीय पते वाले संबंधित RTO/DTO का इसकी सूचना देना अनिवार्य है। वाहन मालिक ने इसका अनुपालन नहीं किया।

    चेसिस नंबर से हुई छेड़छाड़!

    उक्त वाहन की चेसिस संख्या भी स्पष्ट नहीं है। जांच अधिकारियों को ऐसा लगता है कि चेसिस संख्या के साथ छेड़छाड़ की गई है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में इसकी जांच कराई जा सकती है, ताकि चेसिस की सही पहचान हो सके।

    वैन की मोडिफिकेशन की जानकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं

    पत्र में एक और बात कही गई है कि वाहन का निबंधन मोटर कार निजी के रूप में किया गया है, जबकि इसका प्रयोग कमर्शियल वाहन के रूप में होते हुए पकड़ा गया है। वाहन में जो एयर कंडीशन, सोफा, बेड और वीडियो एलसीडी लगाया गया है, उसकी जानकारी भी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज नहीं है।

    वाहन के चालक अवधेश पासवान पिता काली पासवान ग्राम भातोतर, पूर्णिया द्वारा चालक अनुज्ञप्ति भी प्रस्तुत नहीं की गई है। वाहन की नंबर प्लेट HSRP नहीं है।

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