Prashant Kishor: 'पुरुष शादी होते ही...', पीके को इस बात की चिंता; बोले- ये सिर्फ बिहार में होता है
जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में महिलाएं पलायन के कारण सबसे अधिक कष्ट झेल रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं इस कष्ट से तभी उबर पाएंगी जब बिहार में व्यवस्था परिवर्तन होगा। पीके ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था चौपट हो तो कष्ट और अगर पति या बेटा रोजगार के लिए पलायन कर रहा है तो भी सबसे अधिक कष्ट महिलाओं को ही।

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बुधवार को कहा कि बिहार में सर्वाधिक कष्ट महिलाएं झेल रहीं। यह पलायन का दंश है, जो बिहार के लिए सबसे बड़ा दंश है। यह उनकी पिछले दो वर्षों की पदयात्रा का अनुभव है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि महिलाएं इस कष्ट से तभी उबर पाएंगी, जब बिहार में व्यवस्था परिवर्तन होगा। गंगा किनारे अपने कैंप में पीके शक्ति संवाद में विचार रख रहे थे, जिसे उन्होंने बिहार सत्याग्रह आश्रम नाम दे रखा है।
'पुरुष शादी होते ही...'
पीके ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था चौपट हो तो कष्ट और अगर पति या बेटा रोजगार के लिए पलायन कर रहा है तो भी सबसे अधिक कष्ट महिलाओं को ही। मैं तो मात्र ढाई वर्ष से अपने घर से बाहर हूं, लेकिन यहां तो बड़ी संख्या में पुरुष शादी होते ही रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन के लिए विवश हैं।
'ऐसा केवल बिहार में संभव'
उन्होंने आगे कहा कि दीपावली-छठ या किसी कार्यक्रम पर ही वे घर लौट पाते हैं, वह भी कुछ दिनों के लिए। ऐसा केवल बिहार में ही संभव है कि महिलाओं को वर्षों तक अकेले रहना पड़े। पति को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है और बेटे को पढ़ाई के लिए अपना घर और बिहार छोड़ना पड़ता है।
पीके ने यह भी कहा कि गांव में सौ युवाओं में से मात्र 10-15 ही रह जा रहे, बाकी रोजगार या शिक्षा के लिए पलायन कर गए हैं। इसलिए महिलाओं को जागरूक होने की जरूरत है।
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