Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Politics: प्रशांत किशोर के तेवर नहीं हुए कम, अशोक चौधरी के लीगल नोटिस पर दिया ये जवाब

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 09:32 PM (IST)

    प्रशांत किशोर ने मंत्री अशोक चौधरी पर 200 करोड़ की संपत्ति बनाने का आरोप लगाया जिसके जवाब में चौधरी ने मानहानि का नोटिस भेजा। पीके के वकील ने इसे निराधार बताया। जसुपा ने कहा कि चौधरी जनता के सवालों को दबा रहे हैं और संपत्तियों की खरीद में विसंगतियां हैं। किशोर ने चौधरी के राजनीतिक इतिहास और दल-बदल की राजनीति का भी उल्लेख किया।

    Hero Image
    पीके ने अशोक चौधरी के नोटिस को बताया निराधार। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी पर दो वर्ष के भीतर 200 करोड़ की अचल संपत्ति बनाने का आरोप लगाया था।

    प्रतिवाद में चौधरी ने पीके को 100 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा। प्रत्युत्तर में पीके की ओर से अधिवक्ता देवाशीष गिरि ने शनिवार को नोटिस को पूर्णतया निराधार और राजनीतिक पूर्वाग्रह वाला बताया।

    जसुपा के प्रदेश महासचिव किशोर कुमार ने बताया कि चौधरी को उत्तर में लिखा गया है कि जनता के बीच उठ रहे प्रश्नों को दबाने के लिए वे गलत तरीके से कानून का सहारा लिए हैं।

    उत्तर में विस्तार से उन भूखंडों और भवनों का ब्योरा दिया गया है, जिनकी खरीद कथित तौर पर चौधरी की पत्नी, बेटी शांभवी चौधरी (सांसद) और दामाद सायण कुणाल के परिवार के नाम पर हुई।

    उन सौदों में भुगतान के तरीकों और घोषित रकम में गंभीर विसंगतियां मिली हैं और कई सौदों में बाजार मूल्य से काफी कम मूल्य दिखाकर रजिस्ट्री कराई गई है। स्थानीय लोगों और स्रोतों से प्राप्त जानकारी तथा सार्वजनिक दस्तावेजों से स्पष्ट है कि ये सभी संपत्तियां दरअसल चौधरी की ही हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किशोर के अनुसार, उत्तर में यह भी लिखा गया है कि चौधरी 2000 में कांग्रेस से विधायक बने और बाद में अपने साथियों के साथ राजद को समर्थन देकर मंत्री पद प्राप्त किए। यह कदम उनके अवसरवाद और राजनीतिक चरित्र को उजागर करता है।

    साथ ही कांग्रेस से निलंबन के बाद जदयू में सम्मिलित होना उनकी दल-बदल की राजनीति का उदाहरण है। बताया गया है कि पीके द्वारा लगाए गए आरोप वस्तुत: जनहित में उठाए गए मुद्दे हैं और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है।

    यह भी पढ़ें- Bihar Election: अररिया में अमित शाह का बड़ा बयान, कहा- बिहार वाले इस बार चार-चार दीपावली मनाएंगे

    यह भी पढ़ें- Bihar Election: बीते चुनाव नहीं मिला था भाव, इस बार महागठबंधन की नींद उड़ा गए ओवैसी