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    Prashant Kishor: 'मैं ठीक से सो नहीं पा रहा...', बिहार चुनाव में जन सुराज की हार पर बोले प्रशांत किशोर

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 02:19 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जन सुराज की हार के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि वे नतीजों से परेशान हैं और ठीक से सो नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि वे हार नहीं मानेंगे और बिहार में प्रयास जारी रखेंगे। किशोर ने माना कि उनकी पार्टी चुनावी सफलता नहीं पा सकी, लेकिन उन्होंने चुनाव के मुद्दों को बदलने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जन सुराज जाति और धर्म से हटकर रोजगार जैसे मुद्दों पर लड़ी।

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    प्रशांत किशोर।

    डिजिटल डेस्क, पटना/नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) में मिली करारी हार के बाद अब प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का बड़ा बयान सामने आया है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार चुनाव के नतीजे आने के बाद से वो ठीक से सो नहीं पाए हैं। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि वह हार नहीं मानेंगे और बिहार में अपना प्रयास जारी रखेंगे। पीके ने कहा, जब तक आप हार नहीं मानते, तब तक आप हारे नहीं हैं।

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    बिहार विधानसभा चुनाव में एक भी सीट ना जीतने वाली जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में जन सुराज की हार उनके लिए एक बहुत बड़ा झटका है।

    पीके ने कहा कि पिछले हफ्ते चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से वह ठीक से सो नहीं पाए हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बिहार के राजनीतिक क्षेत्र में अपने प्रयास जारी रखेंगे।

    'हमने रोजगार-पलायन जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ा'

    नतीजों के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी के प्रयासों को चुनावी सफलता नहीं मिली, लेकिन वो उन्होंने चुनावी मुद्दों को जरूर बदला। पीके ने कहा कि जन सुराज ने जाति और धर्म से हटकर रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ा।

    प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में चार प्रमुख मतदाता समूह हैं- जाति के नाम पर वोट देने वाले, धर्म के नाम पर वोट देने वाले, लालू यादव की वापसी से डरकर एनडीए को वोट देने वाले और भाजपा से डरकर विपक्ष को वोट देने वाले। उन्होंने कहा कि जन सुराज पहले और दूसरे समूहों को प्रभावित करने में कामयाब रहा, लेकिन तीसरे और चौथे समूहों को प्रभावित नहीं कर सका।

    'मैं हार नहीं मान रहा हूं...'

    जन सुराज पार्टी के सूत्रधार ने कहा कि मैं हार नहीं मान रहा हूं। उन्होंने कहा कि भाजपा के भी एक समय सिर्फ दो सांसद थे। जब आप कोई पार्टी बनाते हैं, तो ऐसे नतीजे आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने जाति और धर्म का जहर नहीं फैलाया। हम फिर कोशिश करेंगे। बकौल प्रशांत, उन्होंने बिहार के लिए 10 साल समर्पित किए हैं।

    'मैं बिना सोचे-समझे दांव लगाया...'

    प्रशांत किशोर ने वोट शेयर पर भी बात की। पीके ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि जन सुराज को सिर्फ 4 प्रतिशत वोट मिलेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले उन्होंने कभी कोई सर्वेक्षण नहीं करवाया। उन्होंने कहा, "मैंने बिना सोचे-समझे दांव लगाया। मेरा अनुमान था कि हमें 12-15 प्रतिशत वोट मिलेंगे, लेकिन यह 3.5 प्रतिशत ही निकला, इसलिए हमें विश्लेषण करना होगा।"

    बिहार चुनाव से पहले पहले प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि सत्तारूढ़ जेडीयू 25 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी, लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी ने 85 सीटें जीतीं। इस दावे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने चुनावों से पहले 1.2 करोड़ महिलाओं को दी गई 10,000 रुपये की स्व-रोजगार सहायता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए।

    उन्होंने आगे कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि जेडीयू को 25 से ज्यादा सीटें नहीं जीतनी चाहिए थीं, लेकिन अब जब उन्होंने 80 से ज्यादा सीटें जीत ली हैं, तो लोग मुझसे कह रहे हैं कि आपका विश्लेषण गलत था। ऊपरी तौर पर यह गलत लगता है... लेकिन अगर आप गौर से देखें, तो एक कारण यह है कि सरकार ने (मतदान से पहले) लोगों को 100 करोड़ रुपये से 125 करोड़ रुपये दिए।"

     

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