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    Prashant Kishor: प्रशांत किशोर की पुलिस के 'थप्पड़' पर सफाई, PK ने क्यों नहीं ली जमानत? जेल जाने के बाद क्या करेंगे

    प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत मिल गई लेकिन उन्होंने बेल बॉन्ड भरने से इनकार कर दिया और जेल जाने का फैसला लिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि वह किसी भी हालत में नहीं रुकेंगे और जेल में भी अनशन जारी रखेंगे।

    By Mukul Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 06 Jan 2025 05:35 PM (IST)
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    जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर। फोटो- जागरण

    डिजिटल डेस्क, पटना। जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों ने गांधी मैदान में अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से धरना दिया था।

    इसके लिए प्रशासन ने उन्हें गर्दनीबाग में जाने के लिए नोटिस भी दिया था। इसके बावजूद, उन्होंने जगह खाली नहीं की। इसके कारण गांधी मैदान थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। सोमवार की तड़के सुबह पुलिस ने उन्हें और उनके समर्थकों को अरेस्ट कर लिया।

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    किसी भी हालत में रुकना नहीं है- पीके

    गिरफ्तार करने के बाद प्रशांत किशोर को अदालत के सामने पेश किया गया। जहां से उन्हें जमानत भी मिल है, लेकिन उन्होंने बेल बॉन्ड भरने से इनकार कर दिया और जेल जाने का निर्णय लिया। 

    प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह बेल नहीं लेंगे और जेल में भी अनशन को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में रुकना नहीं है।

    पीके ने कहा कि अगर रुक गए तो इनका (सरकार) मन बढ़ जाएगा। इसलिए अब बेल भी नहीं लेंगे और अनशन भी जारी रखेंगे। 

    इन्हें (प्रशासन) ऐसा लगा कि गिरफ्तार कर कोर्ट ले आएंगे और बेल दिला देंगे तो काम हो जाएगा। हालांकि, प्रशांत किशोर ने पुलिस द्वारा किसी तरह के दुर्व्यवहार से इनकार किया।

    क्या पुलिस ने पीके को थप्पड़ मारा?

    प्रशांत किशोर ने 'थप्पड़' मारे जाने के मामले पर भी अपनी सफाई दी। उन्होंने साफ किया कि पुलिस कर्मी ने थप्पड़ नहीं मारा था। पीके ने कहा कि गांधी मैदान में धरने से उठाए जाने के दौरान एक समर्थक ने मुझे पकड़कर रखा था।

    उन्होंने कहा कि इसी बीच समर्थकों के साथ पुलिस का कहासुनी हुई और इसी दौरान पुलिस कर्मी ने समर्थक को हटाने के लिए हाथ चलाया था। परंतु मुझे थप्पड़ नहीं मारा था।

    प्रशांत किशोर ने कहा कि पुलिस से हमारी कोई लड़ाई नहीं है। पुलिस की टीम मुझे गिरफ्तार कर एम्स ले गई, जहां मुझे रखने से इनकार कर दिया गया। 

    इधर-उधर घुमाती रही पुलिस

    पीके ने कहा कि पुलिस का व्यवहार पांच बजे से सुबह 11 बजे तक खराब हुआ। पुलिस एम्बुलेंस में बैठाकर इधर से उधर घुमाती रही। तब यह किसी ने नहीं बताया कि उन्हें कहां ले जाया जा रहा है, तब यह तर्क दिया गया कि भीड़ को कंट्रोल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। 

    पीके ने बताया कि सभी जगहों पर घुमाने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन एक शर्त के कारण उन्होंने बेल लेने से इनकार कर दिया।   

    बता दें कि कोर्ट में बड़ी संख्या में प्रशांत किशोर समर्थक डटे रहे। उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

    प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद पटना में माहौल गरम हो गया था। उन्हें पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद पटना से सेट नौबतपुर ब्लॉक के पिपलावा पुलिस स्टेशन में रखा था।

    यहां तक कि इस पुलिस स्टेशन के आसपास किसी वाहन या व्यक्ति को जाने की इजाजत नहीं थी। वाहनों की सघन चेकिंग चल रही थी। इतना ही नहीं, उनके समर्थकों को अलग-अलग पुलिस स्टेशन में रखा गया था। 

    दो दर्जन से अधिक समर्थकों को हिरासत में लिया गया

    • शुरुआती रिपोर्ट में यह बताया गया था कि अनशन पर प्रशांत किशोर के साथ बैठे दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी और समर्थकों को हिरासत में लिया गया है। 
    • गिरफ्तारी के थोड़ी देर बाद पुलिस ने पीके के अरेस्ट किए जाने की बात की पुष्टि की। तब पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
    • प्रशासन की तरफ से यह भी बयान आया था कि समर्थक और बीपीएससी अभ्यर्थी जमा नहीं हो जाएं, इस कारण पुलिस उनके लोकेशन को बदल रही है। 

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