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    सावधान! शराब बेचने वालों के घर में घुसकर कार्रवाई करेगी पुलिस

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Thu, 13 Apr 2017 10:28 PM (IST)

    बिहार पुलिस की ईआेयू व एसटीएफ ने करीब डेढ़ दर्जन शराब सि‍ंडिकेटस की पहचान की है। प्रतिबंध के बावजूद शराब आपूर्ति करने वालों से उनके घर में घुसकर पुलिस कार्रवाई करेगी।

    सावधान! शराब बेचने वालों के घर में घुसकर कार्रवाई करेगी पुलिस

    पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार पुलिस ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद देश के विभिन्न राज्यों से यहां चोरी-छुपे हो रही शराब की सप्लाइलाइन को ध्वस्त करने की नई रणनीति तैयार की है। इसके लिए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और एसटीएफ की कई अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है जो शराब के सप्लायर के खिलाफ उसके राज्य में घुसकर कार्रवाई करेगी।

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    पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि पड़ोसी राज्य झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के ऐसे करीब डेढ़ दर्ज शराब माफियाओं की पहचान भी कर ली गई है जो बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद यहां शराब की लगातार आपूर्ति कर रहे हैं।

    विगत सोमवार को ईओयू की एक टीम ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक ऐसे ही शराब सिंंडिकेट रमेश शिवहरे को गिरफ्तार कर उसे ट्रांजिट रिमांड पर मुजफ्फरपुर लाने की तैयारी कर रही है। ईओयू के सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, नवादा और पटना में विदेशी शराब से लदे करीब डेढ़ दर्जन ट्रक बरामद किए गए थे।

    हालांकि अधिकतर बरामदगी में ईओयू और एसटीएफ के हाथ केवल ट्रक का ड्राइवर और खलासी ही लगे। यहां तक कि शराब का रिसीवर और आपूर्तिकर्ता के एजेंट भी फरार होने में सफल हो गए। ऐसे में ईओयू व एसटीएफ ने ट्रक ड्राइवर और खलासी के बयान पर शराब के आपूर्तिकर्ताओं तक पहुंचने की रणनीति तैयार की। इस रणनीति में बिहार पुलिस को सफलता भी हाथ लगी है।

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    झारखंड के ऐसे आधा दर्जन शराब माफियाओं के साथ-साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पूर्वोत्तर राज्यों के शराब तस्करों की पहचान की जा चुकी है। सूत्रों ने बताया कि इन शराब माफियाओं की गिरफ्तारी के लिए संबंधित राज्यों की पुलिस व सरकार से भी संपर्क साधा गया है और इनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

    ईओयू के सूत्रों ने बताया कि जिन शराब माफियाओं की पहचान की गई है उनमें सभी अपने-अपने राज्यों में शराब के लाइसेंसी व्यवसायी हैं और संबंधित राज्य सरकारों से उनके लाइसेंस रद कराने का भी आग्रह किया जा रहा है।

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