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    Dial 112: 5 सितंबर से बिहार के छह जिलों में बढ़ जाएगा डायल 112 का काम, 24 घंटे रहना होगा तत्पर; होगी निगरानी

    Updated: Wed, 28 Aug 2024 07:19 PM (IST)

    Dial 112 महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब बिहार के छह जिलों में डायल 112 का काम बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि डायल 112 महिलाओं को यात्रा में 24 घंटे सुरक्षा देगा। पांच सितंबर से पहले छह जिलों में यह सुविधा शुरू होगी। इसके बाद 15 सितंबर से पूरे राज्य में इस सुविधा को लागू कर दिया जाएगा।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। अब डायल-112 सेवा महिलाओं को सफर में सुरक्षा भी प्रदान करेगा। बिहार पुलिस ने महिलाओं के लिए सुरक्षित सफर सुविधा की शुरुआत की है।

    इसके अंतर्गत राज्य के शहर से गांव तक कोई भी महिला कभी भी सफर के दौरान अगर असुरक्षित महसूस करती है, तो वह डायल-112 पर कॉल कर मदद मांग सकती है। इसके बाद पुलिस संबंधित महिला को सुरक्षित उसके गंतव्य तक पहुंचने में मदद करेगी। यह नि:शुल्क सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।

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    पांच सितंबर को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर छह जिलों पटना, गया, मुजफ्फरपुर, नालंदा, बेगूसराय और भागलपुर में इसकी शुरुआत होगी।

    इसके बाद 15 सितंबर से पूरे राज्य में सुरक्षित सफर सुविधा को लागू कर दिया जाएगा। पुलिस मुख्यालय में बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी), तकनीकी सेवाएं एवं वितंतु निर्मल कुमार आजाद ने इसकी जानकारी दी।

    एडीजी ने बताया कि आमदिनों के अलावा आगामी त्याहारों के मौसम में भी यह सुविधा महिलाओं को निडर और सुरक्षित महसूस कराने में कारगर साबित होगी।

    हरियाणा और तेलंगाना के बाद बिहार देश का तीसरा राज्य होगा जहां महिलाओं को सुरक्षित सफर की सुविधा दी जाएगी। इस पूरे प्रोजेक्ट में सी-डैक तकनीकी सहायता प्रदान करेगी।

    डिजिटली निगरानी करेगी पुलिस, फोन कर लेगी फीडबैक

    यात्रा के दौरान अगर कोई महिला असुरक्षित महसूस करने पर डायल-112 पर कॉल करती है, तो पुलिस टीम महिला की यात्रा की डिजिटली निगरानी शुरू करेगी। इसके लिए महिला के मोबाइल या सार्वजनिक वाहन के लोकेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।

    इसके अलावा गंतव्य स्थान तक पहुंचने तक नियमित अंतराल पर डायल-112 की टीम कॉल कर मदद मांगने वाली महिला का कुशलक्षेम लेती रहेगी। अगर महिला फिर भी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करती है या कॉल का जवाब नहीं देती है, तो नजदीकी डायल-112 की गाड़ी को सहायता के लिए तत्काल भेजा जाएगा।

    अपने गंतव्य स्थान तक सुरक्षित पहुंचने के बाद महिला का फीडबैक भी लिया जाएगा ताकि इसके आधार पर सुविधा को और बेहतर किया जा सके।

    डायल-112 पर 25 प्रतिशत महिलाएं मांग रहीं मदद

    पुलिस, फायरब्रिगेड और एंबुलेंस जैसी आपातकाल सेवा के लिए एकीकृत नंबर डायल-112 की शुरुआत जुलाई, 2022 में की गई थी। डायल-112 पर हर दिन औसत छह हजार कॉल आती हैं। इनमें करीब 25 प्रतिशत कॉल महिलाओं के द्वारा ही किया जाता है।

    इसमें घरेलू हिंसा से लेकर मेडिकल इमरजेंसी तक की मदद मांगी जाती हैं। सुरक्षित सफर सुविधा की शुरुआत के बाद महिलाओं का भरोसा डायल-112 पर और बढ़ने की उम्मीद है। प्रेस वार्ता के दौरान आइजी अनिल कुमार भी मौजूद रहे।

    कुछ मुख्य बातें

    • 1883 चारपहिया और दो पहिया वाहन हैं डायल-112 से जुड़े
    • 18 मिनट में औसत मदद के लिए पहुंचती है डायल-112 की टीम
    • 15 लाख से अधिक कॉल आ चुके हैं इस साल डायल-112 पर

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