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    दिगंबर जैन मंदिर से निकली सुदर्शन स्वामी की रथ यात्रा, पटना के गुलजारबाग में भक्तिपूर्ण स्वागत

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 02:42 PM (IST)

    पटना के दिगंबर जैन मंदिर से सुदर्शन स्वामी की रथ यात्रा निकाली गई। गुलजारबाग में श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से रथ का स्वागत किया। जैन समुदाय के लोगों ने ...और पढ़ें

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    दिगंबर जैन मंदिर से निकली सुदर्शन स्वामी की रथ यात्रा

    जागरण संवाददाता, पटना सिटी (पटना)। संत महामुनि सुदर्शन स्वामी के निर्वाण दिवस के अवसर पर गुरुवार को दिगंबर जैन मंदिर से शुरू हुई रथ यात्रा गुलजारबाग पहुंची, जहां श्रद्धालुओं ने भक्ति और उत्साह का अद्भुत माहौल बनाया। श्री महामुनि सुदर्शन निर्वाणोत्सव समिति के बैनर तले निकली यह रथयात्रा सुबह 10:30 बजे लंगूर गली स्थित दिगंबर जैन मंदिर से शुरू हुई।

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    रथ पर फूल-मालाओं से सजाई गई श्री सुदर्शन स्वामी की प्रतिमा विराजमान थी। यात्रा के दौरान जैन श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए मार्ग में चल रहे थे। रथयात्रा चौक, मच्छरहट्टा, खाजेकलां, पश्चिम दरवाजा होते हुए सुदर्शन पथ स्थित कमलदह सिद्ध क्षेत्र के गुलजारबाग में स्थित दिगंबर जैन मंदिर पहुंची।

    समिति के मीडिया प्रभारी वीरेंद्र जैन और प्रवीण जैन ने बताया कि निर्वाण भूमि पर प्राचीन पादुका स्थल पर भगवान का 108 कलशों से जलाभिषेक और महाशांतिधारा आयोजित की जाएगी। इसके बाद आरती, अर्चना और कलशाभिषेक संपन्न होगा। समारोह का मुख्य आकर्षण निर्वाण लड्डू चढ़ाना और 108 दीपों से महामंगल आरती है।

    रथयात्रा में श्रद्धालु श्लोक लिखे बैनर, शांति पताका और धार्मिक भजन गाते हुए आगे-आगे चल रहे थे। भजन मंडली ने मधुर स्वरों से श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। बैंडबाजों की धार्मिक धुनों ने पूरे मार्ग को भक्तिपूर्ण माहौल प्रदान किया।

    रथयात्रा मार्ग में कई स्थानों पर स्वागत शिविर लगाए गए, जहां स्थानीय लोग सेवा कार्य में जुटे दिखाई दिए। यात्रा में संत सुदर्शन के उपदेशों को सुनने के लिए भी श्रद्धालु रथ के पास रुके। शोभायात्रा का केंद्र रथ पर विराजमान प्रतिमा और महात्मा के उपदेश रहे, जिन्होंने जैन समाज के श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव को और गहरा कर दिया।

    समिति के सचिव तिलक जैन ने बताया कि रथयात्रा में जैन समाज के हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा के दौरान भक्तों ने पूरी भक्ति भावना के साथ भगवान सुदर्शन स्वामी के मार्गदर्शन और शिक्षाओं का स्मरण किया।

    रथयात्रा का यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि जैन समाज में सामूहिक सहयोग, सेवा और भक्ति की भावना को भी उजागर करता है। गुलजारबाग में रथ का स्वागत और जलाभिषेक समारोह स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के लिए यादगार बन गया।