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    पटना का छात्र V/s हरियाणा की प्राइवेट यूनिवर्सिटी, नामांकन शुल्‍क के लिए 3 साल लड़ी लड़ाई; अब UGC ने दिया ये निर्देश

    By Jagran NewsEdited By: Prateek Jain
    Updated: Mon, 27 Nov 2023 12:23 AM (IST)

    प्रवीण सिंह ने हरियाणा में सोहना स्थित जीडी गोयनका विश्वविद्यालय में बीबीए-एलएलबी पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए 25 हजार रुपये का भुगतान किया था। हायर सेकेंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने के कारण उनका नामांकन नहीं हो सका। बाद में विश्वविद्यालय ने नामांकन शुल्क वापस करने से मना कर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन को छह प्रतिशत ब्याज के साथ दो माह के भीतर नामांकन शुल्क वापस करने का निर्देश है।

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    पटना का छात्र V/s हरियाणा की प्राइवेट यूनिवर्सिटी, नामांकन शुल्‍क के लिए 3 साल लड़ी लड़ाई

    राज्य ब्यूरो, पटना। प्रवीण सिंह ने हरियाणा में सोहना स्थित जीडी गोयनका विश्वविद्यालय में बीबीए-एलएलबी पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए 25 हजार रुपये का भुगतान किया था।

    हायर सेकेंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने के कारण उनका नामांकन नहीं हो सका। बाद में विश्वविद्यालय ने नामांकन शुल्क वापस करने से मना कर दिया।

    थक-हार कर वे जिला उपभोक्ता आयोग पहुंचे। आयोग ने विश्वविद्यालय प्रशासन को छह प्रतिशत ब्याज के साथ दो माह के भीतर नामांकन शुल्क वापस करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा मुआवजा व न्यायिक खर्च के एवज में 7.5 हजार रुपये अतिरिक्त देने होंगे।

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    2020 मई में किया था नामांकन शुल्‍क का भुगतान

    पटना के एजी कॉलोनी में प्रवीण सिंह का आवास है। वर्ष 2020 के मई में उन्होंने जीडी गोयनका विश्वविद्यालय को नामांकन शुल्क का भुगतान किया था, उस वर्ष वे सीबीएसई की अखिल भारतीय सीनियर स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके। पुनर्मूल्यांकन में भी वे सफल घोषित नहीं हुए।

    तब तक 31 जुलाई समाप्त हो चुकी थी। पुनर्मूल्यांकन का परिणाम 31 अगस्त को आया। नामांकन में मध्यस्थ हेमंत कुमार से उन्होंने शुल्क वापस कराने का आग्रह किया। विश्वविद्यालय के डीन (स्कूल ऑफ ला) तबरेज अहमद ने रिफंड के लिए विश्वविद्यालय के नियमों का हवाला दिया।

    डेडलाइन बताकर फीस लौटाने से किया इनकार

    नियम यह कि नामांकन शुल्क वापसी की आखिरी तिथि 31 जुलाई ही है। इस आधार पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुल्क वापस नहीं किया। प्रवीण ने उसी वर्ष नवंबर में पटना में जिला उपभोक्ता आयोग से शिकायत की।

    2022 में जुलाई के बाद 2023 में जनवरी और अगस्त में भी आयोग ने विश्वविद्यालय प्रशासन को अपना पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि, कोई उपस्थित नहीं हुआ।

    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश और दूसरे नियमों के आधार पर आयोग के अध्यक्ष विधु भूषण पाठक व सदस्य रजनीश कुमार ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ब्याज सहित नामांकन शुल्क की वापसी और मुआवजे के भुगतान का निर्देश दिया है। ब्याज की गणना शिकायत की तिथि (21 नवंबर, 2020) से होगी।

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