Move to Jagran APP

पटना सेक्स रैकेट: गूगल ने पकड़वाया निखिल प्रियदर्शी को, जानिए

बिहार के हाइ प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने और एक पूर्व मंत्री की बेटी से यौन शोषण के आरोपी निखिल प्रियदर्शी को गिरफ्तार करने में गूगल ने पुलिस की मदद की। जानिए कैसे?

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 15 Mar 2017 07:55 AM (IST)Updated: Wed, 15 Mar 2017 11:14 PM (IST)
पटना सेक्स रैकेट: गूगल ने पकड़वाया निखिल प्रियदर्शी को, जानिए
पटना सेक्स रैकेट: गूगल ने पकड़वाया निखिल प्रियदर्शी को, जानिए

पटना [जेएनएन]। बिहार के पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता की बेटी से दुष्कर्म का आरोपी निखिल प्रियदर्शी को गूगल ने एरेस्ट करवा दिया। जी हां, शातिराना तरीके से पुलिस को चकमा देकर भाग रहे आरोपी को गूगल ने ही पुलिस से एरेस्ट करवाया। कैसे पकड़वाया यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे?

loksabha election banner
आरोपी निखिल 22 दिसंबर 2016 से फरार चल रहा था। लेकिन वह पुलिस को और ज्यादा चकमा दे पाता इससे पहले की उसका साथ देना बंद कर दिया।
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
मंगलवार को उत्तराखंड में लक्ष्मण झूला थाने के चिल्ला इलाके में पुलिस बाहरी लोगों की चेकिंग कर रही थी कि तभी पौड़ी गढ़वाल रोड से गुजर रही एक चमचमाती ऑडी कार दिखी। पुलिस ने सामान्य चेकिंग के लिए इस कार को रोका तो इसे दो नौजवान निकलकर बाहर आए।
पौड़ी गढ़वाल के एसपी मुख्तार मोहसिन ने अपना दिमाग दौड़ाया तो पाया कि यह गाड़ी आस–-पास तो कभी दिखी ही नहीं। तो उन्होंने अपना शक दूर करने के लिए आरोपी का नाम गूगल में डाला तो वह सामने आया जिसे कई जिलों की पुलिस को तलाश थी।
पुलिस अधिकारियों को पता चला कि यह तो वही निखिल प्रियदर्शी है जिसे काफी समय से बिहार पुलिस तलाश रही है। आरोपी के पिता कृष्ण बिहारी प्रसाद एक सेवानिवृत्त रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं तो उसके दीवार बनकर खड़े थे।
इसके बाद एसपी मुख्तार मोहसिन अपने बैचमेट और पटना के समकक्ष अधिकारी मनु को कॉल किया। उन्होंने कहा, तुम्हारे लिए मेरे पास एक बड़ी खबर है, हमारे पास वे दो हैं जिन्हें काफी समय से पटना पुलिस को तलाश है।
यह खबर को पटना पुलिस को एक होली गिफ्ट की तरह मिली। पटना पुलिस को पूर्वमंत्री की एक नाबालिग बेटी से रेप के आरोप में निखिल की काफी समय से तलाश थी। निखिल तभी से लापता था जब से किशोरी ने साहस जुटाकर आरोपी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया।
पौड़ी गढ़वाल के एसपी ने बताया कि जिस ऑडी कार में आरोपी मिला वह एचआर नंबर (HR-51AK-2222) से रजिस्टर थी।
कार को जैसे रोका वैसे ही उसमें बैठ दोनों के चेहरे का रंग उड़ गया और इसी से पुलिस को कुछ गड़बड़ होने का शक हुआ। पुलिस ने जब पूछताछ की तब वह हड़बड़ी में जवाब दे रहे थे जिससे पुलिस को और शक हो गया। इसके बाद एसपी ने नाम पूछकर उसे गूगल में सर्च किया तो सारा राज खुल गया।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.