Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार सरकार की नई पहल, अब सड़क हादसे के पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा

    By Sunil Raj Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 30 Jun 2025 11:35 AM (IST)

    पटना में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए सरकार डेटाबेस बना रही है। सड़क परिवहन मंत्रालय आई-आरएडी और ई-डीएआर पोर्टल पर दुर्घटनाओं से जुड़ी जानकारी अपलोड कर रहा है। पिछले तीन सालों में 39162 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें सबसे ज़्यादा पटना और मुजफ्फरपुर के हैं। ई-डीएआर पोर्टल दुर्घटना दावों के निपटारे में मदद कर रहा है।

    Hero Image
    राज्य में सड़क दुर्घटना के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए डाटाबेस तैयार कर रहा है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राज्य में सड़क दुर्घटना के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए डाटाबेस तैयार कर रहा है। ताकि पीड़ितों को समय रहते उचित मुआवजा व अन्य लाभ मुहैया कराया जा सके। इसके तहत दुर्घटना का कारण, जांच व अन्य जानकारी आइ-आरएडी (एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस) और ई-डीएआर (ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट) पोर्टल पर अपलोड की जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछले तीन वर्षों में आइ-आरएडी वेबसाइट पर सड़क दुर्घटना के कुल 39,162 मामले दर्ज किए गए हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक 4050 दुर्घटना के मामले पटना से और 2030 मामले मुजफ्फरपुर जिले से दर्ज किए गए हैं। अब तक करीब 18 हजार मामले इ-डीएआर पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं, जिनमें से दो हजार मामले फॉर्म सात में पहुंच चुके हैं।

    बता दें कि फॉर्म सात को ट्रिब्यूनल क्लेम पिटीशन माना जाता है। दरअसल, अगर किसी सड़क दुर्घटना पीड़ित ने मुआवजे के लिए आवेदन नहीं किया है और ई-डीएआर के माध्यम से मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) में डीएआर दाखिल किया है, तो उसे मुआवजे का आवेदन मानकर आगे की कार्रवाई की जा सकेगी।

    क्या है आईआरएडी और ई-डीएआर?

    ई-डीएआर, आई-आरएडी का डिजिटल संस्करण है, जो सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ी सभी जानकारियों को एक जगह रखता है। सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए मोर्थ ने ई-डीएआर पोर्टल विकसित किया है। यह पोर्टल आई-आरएडी से जुड़ा है, जिसमें 90 फीसदी से अधिक सूचनाएं सीधे ई-डीएआर को भेजी जाती हैं।

    ई-डीएआर पोर्टल पर सड़क दुर्घटना में शामिल वाहन, दुर्घटना की तिथि और एफआईआर की जानकारी दर्ज की जाती है। इससे दुर्घटना दावों के निष्पादन में मदद मिल रही है। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं के कारणों और हॉटस्पॉट की पहचान कर उनके समाधान की दिशा में काम किया जा रहा है।