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    पटना पुलिस का टॉप-10 अपराधी दुर्गेश पंडित गिरफ्तार, 12 साल से अलग-अलग राज्यों में बदल रहा था ठिकाना

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 08:24 PM (IST)

    पटना पुलिस ने टॉप-10 अपराधियों में शामिल दुर्गेश पंडित को गिरफ्तार किया है। दुर्गेश पंडित पर हत्या, लूट और रंगदारी जैसे कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस उससे पूछताछ कर अन्य मामलों की जानकारी जुटा रही है, जिससे पटना में अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी।

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    जागरण संवाददाता, पटना। पटना पुलिस की टॉप-10 सूची में शामिल कुख्यात दुर्गेश पंडित उर्फ गोलू पंडित को कदमकुआं थाना क्षेत्र के लोहानीपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। एसटीएफ और कोतवाली थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने उसे गिरफ्तार कर थाने लेकर गई। वह वहां पहचान छिपाकर किराए के कमरे में रह रहा था। दुर्गेश मूल रूप से बुद्धा कालोनी थाना क्षेत्र का निवासी है।

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    पुलिस को चकमा देकर पिछले 12 साल से वह अलग-अलग राज्यों में छिपकर रह रहा था। उसके खिलाफ लूट, हत्या, रंगदारी, अपहरण सहित छह मामले दर्ज हैं। उसने कुछ वर्ष पूर्व कोतवाली थाना क्षेत्र में विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी।

    रंगदारी नहीं देने पर इनकम टैक्स गोलंबर के पास फायरिंग कर दी थी। कोतवाली थाने की पुलिस उससे पूछताछ कर उसके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। पुलिस उसे जल्द ही रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।

    एसटीएफ की मानें तो वह पुलिस को चकमा देकर ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली सहित अलग-अलग राज्यों में घूम रहा था। पिछले कुछ दिनों से वह दिल्ली में रह रहा था। वहां कुछ दिनों तक वह निजी कंपनी में काम भी कर रहा था। इसी बीच दिल्ली में एक गैंगवार की घटना हुई थी, जिसमें यह भी घायल हो गया था।

    इस बात की भनक बिहार एसटीएफ को लग गई और वह दिल्ली में उसके ठिकानों पर दबिश देने लगी। इस बीच वह वहां से वापस भागकर पटना आया। कदमकुआं के लोहानीपुर में किराए का कमरा लिया। उसने पहचान छिपाने के लिए दाढ़ी-मूंछ भी हटा दी थी।

    स्थानीय लोगों को भी उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं थी। उसने कमरा किराए पर लेते समय गलत नाम बताया था। तकनीकी अनुसंधान कर एसटीएफ और पटना पुलिस की टीम ने सोमवार को कदमकुआं में दबिश देकर उसे दबोच लिया।

    रूपसपुर और बेउर में था हत्या का आरोपित

    पुलिस की मानें तो कार्यपालक अभियंता से 50 लाख की रंगदारी के साथ ही बेउर और रूपसपुर में वह हत्या के मामलों में वांछित था। वर्ष 2014 में एक बड़े आपराधिक मामले में उसका नाम आया था।

    इसके बाद से वह फरार चल रहा था। बेउर में प्रॉपर्टी डीलर राजेश कुमार की गोलियों से भूनकर हत्या और रूपसपुर इलाके में देव हत्याकांड में वह आरोपित है।

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