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    कड़ाके की ठंड से NMCH इमरजेंसी में मरीजों की बाढ़, 30 बेड पर 50 से अधिक भर्ती

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 08:40 AM (IST)

    कड़ाके की ठंड के कारण पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) की इमरजेंसी में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हृदय रोग, लकवा और सांस की तकलीफ ...और पढ़ें

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    कड़ाके की ठंड से NMCH इमरजेंसी में मरीजों की बाढ़

    जागरण संवाददाता, पटना सिटी। लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड के कारण नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी में गंभीर मरीजों की संख्या तेजी बढ़ने लगी है। सबसे अधिक मरीज हृदय रोग, लकवा और सांस की तकलीफ के पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों का मधुमेह व रक्तचाप काफी बढ़ा हुआ है। 

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    मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण मंगलवार को चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अत्यधिक सक्रिय दिखे। इमरजेंसी समेत अन्य विभागों में 42 नये मरीजों को भर्ती किया गया। इमरजेंसी की कम जगह में अत्यधिक मरीज व स्वजन के होने के कारण अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। 

    मरीज भर्ती करने के लिए बेड खाली

    स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि इमरजेंसी के सभी बेड मरीजों से भर चुके हैं। एक भी मरीज भर्ती करने के लिए बेड खाली नहीं है। राउंड पर आने वाले चिकित्सकों से कुछ मरीजों को वार्ड में शिफ्ट करने की गुहार लगाई जा रही है ताकि नये मरीज को बेड मिल सके।

    एनएमसीएच में मंगलवार को विभिन्न विभागों के ओपीडी में लगभग 16 सौ मरीज पहुंचे। इनमें सबसे अधिक औषधि विभाग के 286 मरीज पहुंचे थे। विभागाध्यक्ष डॉ. प्रो. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इमरजेंसी में लकवा, सांस की तकलीफ, हृदय रोग के मरीज अधिक आ रहे हैं। 

    उन्होंने मरीजों एवं स्वजनों से कहा कि ठंड को देखते हुए मधुमेह एवं रक्तचाप की दवा डॉक्टर की सलाह से नियमित लें। जांच कराते रहें। खान-पान पर विशेष ध्यान दें। अधिक ठंड में अनावश्यक घर से बाहर न निकलें।

    अतिरिक्त बेड पर व ट्रॉली पर मरीजों को भर्ती किया गया

    इमरजेंसी के गलियारे में तथा रास्ते पर लगाए गए सभी अतिरिक्त बेड पर व ट्रॉली पर मरीजों को भर्ती किया गया है। कुछ मरीज जमीन में बैठे बेड मिलने का इंतजार करते रहे। 

    स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि मरीज को वार्ड में शिफ्ट करने से खाली होने वाले बेड जमीन पर बैठे मरीजों को दिए जा रहे हैं। मरीजों को ठंड से बचने के लिए दो से अतिरिक्त कंबल दिए जा रहे हैं। ब्लोअर व हीटर जगह-जगह लगाया गया है।

    तीस बेड की इमरजेंसी में पचास से अधिक मरीज

    एनएमसीएच के पुराने भवन में पुरानी व्यवस्था के साथ तीस बेड की इमरजेंसी स्वीकृत है। कम जगह वाली इमरजेंसी के कमरे और रास्ते पर अतिरिक्त बेड लगा कर पचास से अधिक मरीजों को भर्ती किया गया है। नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। 

    अस्पताल प्रशासन एवं चिकित्सकों का कहना है कि मरीजों की भीड़ को देखते हुए कम से कम दो सौ बेड की क्षमता वाली नई इमरजेंसी का यथाशीघ्र निर्माण किए जाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में लगातार कहा जा रहा है।