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    बिहार में मिड-डे मील को लेकर आया नया निर्देश, अधिक भोजन बनने पर नप जाएंगे प्रधानाध्यापक; कमेटी करेगी जांच

    बिहार में मिड डे मील को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग लगातार काम कर रहा है। नए आदेश के अनुसार प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में बच्चों का मध्याह्न भोजन उतना ही बनेगा जितने बच्चों की स्कूल में उपस्थिति होगी। अगर इससे अधिक मध्याह्न भोजन बनेगा तो उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई होगी। प्रतिदिन मध्याह्न भोजन को लेकर भेजी जाने वाली रिपोर्ट में शिक्षकों का हस्ताक्षर होगा।

    By Ravi Kumar(Patna) Edited By: Piyush Pandey Updated: Sat, 15 Feb 2025 05:50 AM (IST)
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    मिड डे मील को लेकर नया आदेश जारी। (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, पटना। प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में बच्चों का मध्याह्न भोजन उतना ही बनेगा, जितने बच्चों की स्कूल में उपस्थिति होगी। अगर इससे अधिक मध्याह्न भोजन बनेगा तो उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई होगी।

    मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय से मिले निर्देश के बाद जिला शिक्षा कार्यालय पर स्तर पर प्रत्येक स्कूलों में बन रहे मध्याह्न भोजन की जांच शुरू कर दी गई है। निर्देश में कहा गया है कि स्कूलों द्वारा प्रतिदिन मध्याह्न भोजन को लेकर रिपोर्ट की जाती है।

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    इस रिपोर्ट पर अब नए नियमों के अनुसार स्कूल के सभी शिक्षक हस्ताक्षर करेंगे। यदि शिक्षक हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो उनको स्कूल से अनुपस्थित माना जाएगा।

    रिपोर्ट में कितने बच्चे उपस्थित हुए, कितने बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बना और कितने बच्चों ने भोजन किया, भोजन में कौन-कौन सी चीजें दी गई। भोजन देने का समय क्या था आदि निर्देश शामिल किए गए हैं।

    जिला स्तर पर कमेटी करेगी जांच

    जिला शिक्षा कार्यालय स्तर पर स्कूलों में बन रहे मध्याह्न भोजन की जांच के लिए टीम बनाई गई है। टीम को अपने क्षेत्र के स्कूलों की रिपोर्ट प्रतिदिन देने के लिए निर्देशित किया गया है।

    यह भी कहा गया है कि प्रधानाध्यापक द्वारा प्रतिदिन के प्रस्तुत रिपोर्ट की जांच निरीक्षण कार्य में लगे कर्मी या पदाधिकारी करेंगे। रिपोर्ट यदि गलत पाया गया तो संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई होगी। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अपने क्षेत्र के स्कूलों का रिपोर्ट जांच करने का निर्देश दिया गया है।

    स्कूलों में नामांकन के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर अनिवार्य

    वहीं दूसरी ओर सिवान में स्कूलों में नामांकन के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। कक्षा दो या इससे ऊपर की कक्षाओं में नामांकन के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर होना अनिवार्य है।

    किसी भी आवेदन में अगर परमानेंट एजुकेशन नंबर नहीं होगा या गलत नंबर होगा तो आवेदन रद कर दिया जाएगा। साथ ही निजी और सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों के लिए अपार आईडी भी अनिवार्य कर दी गई है।

    जिला शिक्षा विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार परमानेंट एजुकेशन नंबर एक खास पहचान संख्या है। यह छात्रों को उनके शैक्षणिक जीवन की शुरूआत में दी जाती है। यह नंबर छात्र की पहचान को बरकरार रखता है। यह नंबर स्कूल से ही विद्यार्थियों के लिए जेनरेट किया जाता है।

    परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

    परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) आधार कार्ड की तरह ही होता है। यह नंबर 12 अंकों का होता है। यह नंबर यू-डायस पोर्टल पर अपलोड होने के बाद जारी किया जाता है। इसके जरिए विद्यार्थियों के शैक्षणिक गतिविधियों का पता लगाया जा सकता है। इसके जरिए छात्रों का सत्यापन भी कराया जाता है।

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