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    एक्शन में PHED विभाग: दो एग्जीक्यूटिव इंजीनियर निलंबित, 4 का ट्रांसफर, सामने आई बड़ी वजह

    हर घर नल का जल योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) ने अपने दो कार्यपालक अभियंताओं को निलंबित कर दिया है और चार को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया है। बंद योजनाओं को विभाग द्वारा निर्धारित अवधि में चालू नहीं करने पर संवेदक पर 2000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से अर्थदंड भी लगाया जा रहा है।

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Piyush Pandey Updated: Sat, 01 Mar 2025 08:26 PM (IST)
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    दो कार्यपालक अभियंताओं को किया गया निलंबित। (जागरण समाचार)

    राज्य ब्यूरो, पटना। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) ने अपने दो कार्यपालक अभियंताओं को निलंबित कर दिया है और चार को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया है। यह कार्रवाई हर घर नल का जल योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने के आरोप में हुई है।

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    प्रधान सचिव पंकज कुमार के निर्देश पर पिछले दिनों राज्यव्यापी अभियान चलाकर पेयजल योजनाओं का निरीक्षण हुआ था। इस दौरान 22800 से अधिक योजनाओं का निरीक्षण हुआ। उनमेंं से 21043 योजनाएं चालू मिली थीं।

    इसके अलावा मरम्मत कराकर 1500 से अधिक योजनाओं को चालू करा दिया गया। इस प्रकार मरम्मत के उपरांत 97 प्रतिशत योजनाएं पूर्ण रूप से चालू हैं। बहरहाल बंद योजनाओं को विभाग द्वारा निर्धारित अवधि में चालू नहीं करने पर संवेदक पर 2000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से अर्थदंड भी लगाया जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष नवंबर में भी जलापूर्ति योजनाओं का निरीक्षण हुआ था। खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी और संवेदकों पर दो करोड़ रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। इसके अलावा कई संवेदकों को निविदा में भाग लेने से वंचित किया गया और कई काली सूची में डाले गए।

    सदर अस्पताल का क्लर्क पंकज कुमार निलंबित, कर्मियों में हड़कंप

    वहीं, दूसरी ओर बिहारशरीफ में सदर अस्पताल के स्थापना में पदस्थापित क्लर्क पंकज कुमार को सरकारी राशि घोटाले के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उस पर आरोप है कि वह अस्पताल के वेतन के अलावा विभिन्न सरकारी योजनाओं की राशि को हड़पने का काम कर रहे थे।

    पिछले साल जून में सरमेरा से सदर अस्पताल में पंकज कुमार का तबादला हुआ था। तबादले के बाद वह अस्पताल के खातों में अनियमितताएं बरत रहे थे और कई सरकारी योजनाओं के तहत आने वाली राशि को निकाल कर अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा थे।

    जब अधिकारियों ने इस गड़बड़ी को पकड़ा, तो जांच में कई चौकाने वाले रहस्य सामने आए। अधिकारियों के अनुसार, पंकज कुमार ने अस्पताल के खजाने में सरकारी धन की हेराफेरी की थी। उन्होंने कई सरकारी योजनाओं की राशि का दुरुपयोग किया और वेतन से संबंधित प्रक्रियाओं में भी गड़बड़ियां की।

    सीएस डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने अस्पताल के प्रभारी अधिकारियों को पंकज कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया है। घोटाले के खुलासे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

    पंकज कुमार की सस्पेंशन और एफआईआर की प्रक्रिया के बाद यह मामला अब जांच के घेरे में है। अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि जांच पूरी होने तक पंकज कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी भी प्रकार की घोटालेबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरमेरा में भी उनके ऊपर इसी तरह के कार्य करने का आरोप लगा था।

    जांच के घेरे में कई कर्मी

    सीएस डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कई कर्मियों को भी इसी तरह लाभ पहुंचा रहे थे। इसके बदले में उनसे मोटी रकम वसूला करता था। जांच में कुछ कर्मियों के भी नाम सामने आया है। जांच के बाद जो भी दोषी होंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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