Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Patna News: सौर ऊर्जा से चलेंगे कोल्ड स्टोरेज, किसानों को महंगी बिजली से मिलेगी राहत; सरकार देगी अनुदान

    Updated: Sun, 18 Aug 2024 03:52 PM (IST)

    Patna News किसानों की सब्जियों को बचाने के लिए कोल्ड स्टोरेज एक महंगी व्यवस्था साबित हो रही थी क्योंकि बिजली बिल हद से अधिक आता था। लेकि अब किसानों की ...और पढ़ें

    Hero Image
    सौर ऊर्जा से संचालित होंगे कोल्ड स्टोरेज (जागरण)

    पिंटू कुमार, पटना सिटी। Patna News: फल-फूल और सब्जियों को बाजार पहुंचाने में विलंब से किसानों को आ​र्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। बची हुई सब्जी एक दिन बाद खराब हो जाती है। चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत बागवानी विकास कार्यक्रम में कोल्ड चेन को सुदृढ़ करने पर 28 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस राशि से कोल्ड स्टोरेज को सोलर ऊर्जा से संचालन के साथ नई नकनीक से उन्यन किया जा सकेगा। नए कोल्ड स्टोरेज निर्माण, कार्यरत कोल्ड स्टोरेजों को सोलर पैनल की सुविधा, सोलर पैनल कूलिंग चैंबर मद सहायता के लिए 12 जिलों को चुना गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन जिलों में बनेंगे नए कोल्ड स्टोरेज

    प्रदेश के 12 जिले ऐसे हैं, जहां कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल तथा शिवहर में नए कोल्ड स्टोरेज के निर्माण कराए जाएंगे।

    किसानों को किराये में 25 प्रतिशत कमी, सोलर प्लान पर 50 प्रतिशत अनुदान

    किसानों को कोल्ड स्टोरेज में भंडारण दर में 25 प्रतिशत कमी करने वालों को सरकार सोलर प्लेट योजना में 50 प्रतिशत अथवा 17.50 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश में पहले से संचालित 50 कोल्ड स्टोरेज को महंगी बिजली से राहत देने के लिए सोलर पैनल के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। बिजली पर निर्भरता कम कर भंडारण खर्च में कमी लाने की योजना है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन की तरह अधिकतम 35 लाख रुपये की सहायता में 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 17.50 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा। कोल्ड स्टोरेज मालिक इस आशय का शपथ पत्र देंगे तब अनुदान राशि का लाभ मिलेगा।

    नए कोल्ड स्टोरेज टाइप-1 और 2 की इकाई लागत

    राष्ट्रीय बागवानी मिशन के सदृश्य क्रमश : आठ हजार और 10 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन रखी गई है। टाइप-1 कोल्ड स्टोरेज की क्षमता अधिकतम पांच हजार मीट्रिक टन होगी, जबकि टाइप-2 की अधिकतम 2000 मीट्रिक टन होगी। इन जिलों में कोल्ड स्टोरेज के निर्माण पर 50 प्रतिशत सहायता अनुदान दिया जाएगा। प्रत्येक जिले में इच्छुक लाभार्थियों की मांग अनुरूप टाइप-1 या टाइप-2 कोल्ड स्टोरेज की उपलब्धता अनुरूप स्वीकृति दी जाएगी।

    दोनों के अलग-अलग मापदंड

    टाइप-1 कोल्ड स्टोरेज का उपयोग आमतौर पर एक ही वस्तु के भंडारण के लिए किया जाता है, जो मौसमी आधार पर संचालित होता है। वहीं, टाइप-2 कोल्ड स्टोरेज का उपयोग पूरे वर्ष की जाती है। इसके साथ ही इसमें विभिन्न वस्तुओं और उत्पादों को संग्रहित करने के लिए डिजाइन किया जाता है, जो विशिष्ट मापदंडों के साथ विभिन्न प्रकार के उत्पादों को संग्रहित करने के लिए किया जाता है। छह टाइप-1 और छह टाइप-2 नए कोल्ड स्टोरेज का निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

    ऐसे करें आवेदन

    योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत इच्छुक कृषकों, कृषक समूहों, उद्यमियों, एफपीओ, एफपीसी को आनलाइन आवेदन करना होगा। पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लाभ मिलेगा।

    Saharsa News: सहरसा के किसानों की बल्ले-बल्ले, घर बैठे बेच सकेंगे उपजाया गया फसल; सरकार ने लॉन्च की योजना

    बिहार में FPO के माध्यम से खाद-बीज बेचेगी सरकार, 300 किसान उत्पाद संगठनों के साथ निबंधन