Patna News: पटना-बिहटा वाले हो जाएं अलर्ट, इस जगह भागा है तेंदुआ; सेंट्रल स्कूल को किया गया बंद
Leopard in Bihta बिहटा में तेंदुए के खौफ के चलते केंद्रीय विद्यालय को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। तेंदुए को वायु सेना स्टेशन परिसर के अंदर-बाहर कई बार देखा गया है। स्कूल के 1100 बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। वहीं तेंदुआ ने पटना के लोगों में भी डर बढ़ा दिया है।

आईएएनएस, पटना। Patna News: बिहार के बिहटा में तेंदुए के आतंक के कारण एयरफोर्स स्टेशन परिसर में स्थित केंद्रीय विद्यालय को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। 25 अक्टूबर के बाद से इस जंगली जानवर को वायु सेना स्टेशन परिसर के अंदर-बाहर कई बार देखा गया है। लगभग 1,100 बच्चों को पढ़ाने वाले स्कूल को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया था।
परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों की परेशानी बढ़ गई है
एयरफोर्स स्टेशन, जिला वन और वन्यजीव के अधिकारी विभाग तेंदुआ (Tendua) को पकड़ने के प्रयास कर रहा है। छात्रों, विशेष रूप से कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को महत्वपूर्ण शैक्षणिक व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन कक्षाओं पर निर्भरता के कारण प्री-बोर्ड परीक्षाओं में औसत परिणाम आए हैं, जिससे चिंता बढ़ गई है।
इससे पहले जंगली सूअर भी देखे गए
स्कूल के पास तेंदुए के साथ-साथ जंगली सूअर भी देखे गए हैं। जंगली सूअर आक्रामक व्यवहार के लिए जाने जाते हैं, जिसमें ग्रामीणों पर घातक हमले भी शामिल हैं, जिससे स्थानीय लोगों में डर बढ़ गया है। माता-पिता और निवासी अपने बच्चों की सुरक्षा और छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
गौरव ओझा, प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ), पटना ने कहा कि हमने जंगली जानवर को पकड़ने के लिए परिसर परिसर के अंदर पिंजरे लगाए हैं। एक तेंदुआ पिंजरे के पास आया लेकिन उसमें प्रवेश करने से बच गया। हम तेंदुए को पकड़ने और उसे सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने के लिए उचित संसाधनों के साथ विशेषज्ञ वन्यजीव टीमों को तैनात करने की योजना बना रहे हैं।
बता दें कि तेंदुआ एक जंगली जानवर है जो आमतौर पर शांत और एकांतप्रिय होता है। हालांकि, जब वह खतरा महसूस करता है या अपने क्षेत्र की रक्षा करने की कोशिश करता है, तो वह आक्रामक हो सकता है।
तेंदुए कब हमला करता है?
- जब वह अपने शावकों की रक्षा कर रहा हो।
- जब वह अपने क्षेत्र की रक्षा कर रहा हो।
- जब वह भूखा या प्यासा हो।
- जब वह घायल या बीमार हो।
तेंदुए के हमले से बचने के लिए ऐसे बरतें सावधानी
- जंगल में अकेले न जाएं।
- जंगल में शांति से चलें और तेज आवाज न करें।
- जंगल में रात में न रुकें।
- जंगल में तेंदुए के निशान दिखने पर सावधानी बरतें।
- जंगल में तेंदुए को देखने पर शांति से पीछे हटें।
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