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    Bihar Land Mutation: रजिस्ट्री के साथ हो जाएगा दाखिल-खारिज, 3 जिलों के 80 से अधिक गांवों में हुई शुरुआत

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 05:28 PM (IST)

    पटना में स्थानिक दाखिल-खारिज प्रणाली की शुरुआत हुई। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने पोर्टल का शुभारंभ किया। नई प्रणाली में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया कंप्यूटरीकृत होगी जिससे त्रुटियाँ कम होंगी। बिहार ऐसा करने वाला पहला राज्य है। वर्तमान में यह प्रणाली तीन जिलों के 80 से अधिक गांवों में शुरू हो रही है।

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    रजिस्ट्री के साथ हो जाएगा दाखिल खारिज, इस मामले में देश का पहला राज्य बना बिहार

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में मंगलवार से स्थानिक दाखिल-खारिज प्रणाली शुरू हो गई। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने इससे जुडे पोर्टल का शुभारंभ किया। दावा किया कि नई प्रणाली में दाखिल-दाखिल (Bihar Land Mutation 2025) की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज होगी।

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    मानवीय हस्तक्षेप न होने के कारण त्रुटि और देरी की शिकायतें भी कम होगी। इस प्रणाली से झोला वाला सिस्टम समाप्त हो गया है। लैपटॉप युग की शुरुआत हो गई है। इस उच्च तकनीक प्रणाली से काम करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है।

    अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इस प्रणाली को उन सभी गांवों में लांच करने का प्लान है, जहां विशेष सर्वेक्षण के तहत अंतिम अधिकार अभिलेख प्रकाशित हो गया है। सचिव जय सिंह ने कहा कि विभाग का आईआईटी रुड़की से समन्वय राजस्व के कार्यों को नई प्रगति दे रहा है।

    इस प्रणाली से एक भाई अगर अपना हिस्सा बेचता है तो उसका नक्शा भी स्वतः उसके साथ लग जाएगा। साझी संपत्तित में किसने अपना कहां का हिस्सा बेचा यह जानकारी आसानी से मिल जाएगी। वर्तमान में तीन जिलों के 80 से अधिक गांवों से इसकी शुरुआत हो रही है।

    आईआईटी रुड़की के प्रो. कमल जैन ने कहा कि इसमें प्रयोग किया गया जीआईएस सॉल्यूशन मेक इन इंडिया के तहत है। इससे पहले इस सॉल्यूशन पर होने वाले सभी कार्य विदेशी तकनीक पर आधारित थे। हमेशा लागत देना पड़ता है। हमारे सॉल्यूशन में एक बार जो लागत आई वही खर्च हुआ। अब इसका वर्षवार कोई शुल्क नहीं देना होगा।

    इससे क्या होगा?

    • भूमि की खरीद-बिक्री अथवा उत्तराधिकार बाद के राजस्व मानचित्रों और अधिकार अभिलेखों का स्वतः अद्यतीकरण होगा।
    • अभी राजस्व अभिलेखों में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया के तहत केवल जमाबंदी पंजी में ही बदलाव होता है।
    • जमीन की खरीद बिक्री के लिए जमीन के वास्तविक नक्शा के लिए आवेदन करना होगा। इसी आधार पर निबंधन तथा दाखिल-खारिज होगा।
    • किसी खेसरा के सम्पूर्ण रकबा का दाखिल-खारिज होता है तो खेसरा संख्या में बदलाव नहीं होगा। खेसरा विभाजन पर नए खेसरा के लिए नए नम्बर का सृजन होगा।

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