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    सुरंग से होते हुए गुजरेगी पटना मेट्रो, छह स्टेशन होंगे अंडरग्राउंड; जंक्शन से आकाशवाणी तक बनेंगे टि्वन टनल

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 23 Aug 2022 12:33 PM (IST)

    पटना मेट्रो की निर्माण एजेंसी दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के अनुसार पटना जंक्शन के पास भूमिगत मेट्रो के निर्माण के लिए टि्वन टनल यानी दोहरी सुरंग बनाई ...और पढ़ें

    पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड यानी भूमिगत रूट का काम भी शुरू हो गया है। सांकेतिक तस्वीर।

    कुमार रजत, पटना : पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड यानी भूमिगत रूट का काम भी शुरू हो गया है। सबसे पहले कोरिडोर-दो के राजेंद्रनगर से लेकर आकाशवाणी तक के आठ किलोमीटर लंबे रूट पर काम हो रहा है। इस रूट में छह स्टेशन हैं, जिसके निर्माण पर एक हजार नौ सौ 89 करोड़ की लगात आएगी। पटना मेट्रो की निर्माण एजेंसी दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के अनुसार, पटना जंक्शन के पास भूमिगत मेट्रो के निर्माण के लिए टि्वन टनल यानी दोहरी सुरंग बनाई जाएगी जो जंक्शन से आकाशवाणी मेट्रो स्टेशन की ओर फ्रेजर रोड तक जाएगी। यहां पटना सेंट्रल माल के पास आकाशवाणी मेट्रो स्टेशन का निर्माण होगा जो भूमिगत होगा। मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी), भारतीय नृत्य कला मंदिर और आकाशवाणी (प्रसार भारती) से जमीन की मांग की गई थी जिसकी इजाजत मिल गई है। मिट्टी जांच का काम भी पूरा हो गया है। ट्रैफिक डायवर्जन की अनुमति मिलते ही यहां मुख्य निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। 

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    मोइनुलहक स्टेडियम : माह के अंत तक शुरू होगा अंडरग्राउंड स्टेशन बाक्स का निर्माण

    कोरिडोर-दो में मोइनुलहक स्टेडियम के पास निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। तकनीकी जांच का काम भी हो गया है। बिजली के तार को हटाने का काम चल रहा है। निर्माण एजेंसी के अनुसार, इस माह के अंत तक डी-वाल यानी अंडरग्राउंड स्टेशन बाक्स का निर्माण शुरू हो जाएगा। यहां मेट्रो स्टेशन मोइनुलहक स्टेडियम परिसर में ही होगा।

    अशोक राजपथ : ट्रैफिक डायवर्जन की मांगी गई अनुमति

    अशोक राजपथ पर पटना मेट्रो के तीन भूमिगत स्टेशन गांधी मैदान, पीएमसीएच और विश्वविद्यालय होंगे। इसके लिए मिट्टी जांच और ट्रैफिक सर्वे का काम पूरा हो चुका है। अभी पटना मेट्रो के रास्ते में आने वाले पेड़ और अन्य चीजों को हटाने का काम चल रहा है, जो 15 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है। मेट्रो स्टेशन निर्माण से पहले ट्रैफिक डायवर्जन के लिए ट्रैफिक विभाग से अनुमति मांगी गई है। जमीन हस्तांतरण और ट्रैफिक अनुमति मिलते ही स्टेशन का काम शुरू हो जाएगा।