Patna Metro पटना मेट्रो का काम तेजी से आगे बढ़ने लगा है। मोइनुलहक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक सुरंग की खुदाई का काम पूरा होने के बाद अब अगले चरण की खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है। दूसरे चरण में अब अशोक राजपथ के नीचे पटना विश्वविद्यालय से पीएमसीएच होते हुए गांधी मैदान तक मेट्रो सुरंग की खोदाई की जा रही है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Patna News: मोइनुलहक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक मेट्रो सुरंग की खोदाई का काम पूरा होने के बाद अब अगले चरण की खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है। दूसरे चरण में अशोक राजपथ के नीचे पटना विश्वविद्यालय से पीएमसीएच होते हुए गांधी मैदान तक मेट्रो सुरंग की खुदाई की जा रही है।
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मंगलवार को टनल बोरिंग मशीन ने करीब 2302 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग की खुदाई का काम शुरू कर दिया। पटना मेट्रो (Patna Metro) के कोरिडोर-दो में एलिवेटेड और भूमिगत दोनों रूट पर काम चल रहा है।
इन 5 स्टेशनों को करेगा कवर
यह रूट न्यू आइएसबीटी से मलाही पकड़ी, पटना विश्वविद्यालय, गांधी मैदान होते हुए पटना जंक्शन तक जाएगा। इस रूट में न्यू आइएसबीटी से लेकर मलाही पकड़ी तक पांच स्टेशन एलिवेटेड हैं, जिसके पिलर ढलाई के बाद गर्डर रखे जाने का काम अंतिम चरण में है। वहीं मलाही पकड़ी से आगे राजेन्द्रनगर से लेकर पटना जंक्शन तक यह भूमिगत यानी अंडरग्राउंड मेट्रो चलेगी।
इसी रूट में सुरंग खुदाई का काम चल रहा है। पटना मेट्रो का निर्माण कर रही दिल्ली मेट्रो रेल कारपारेशन (डीएमआरसी) के अनुसार, मोइनुलहक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक सुरंग की खुदाई करने वाली पहली टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम-1) को ही विश्वविद्यालय के पास सुरंग खुदाई में लगाया गया है। इस टीबीएम-1 को 13 मई को रीट्रीवल किया गया और 24 मई को पुनः विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से गांधी मैदान की ओर दूसरी यात्रा के लिए शाफ्ट में उतारा गया था।
मंगलवार से सुरंग खोदने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। अत्याधुनिक कम्प्यूटरीकृत नेविगेशन प्रणाली से लैस टीबीएम -1 प्रतिदिन औसत 10 मीटर की खुदाई करेगा। सुरंग निर्माण के दौरान चौबीस घंटे काम की निगरानी की जाएगी जिससे जमीन के ऊपर चल रहे यातायात, व्यवसाय और लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
10 माह में खोदी गई थी पटना मेट्रो की पहली सुरंग
मोइनुलहक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक करीब डेढ़ किमी लंबी सुरंग की खुदाई करीब दस माह में पूरी हुई थी। टीबीएम -1 ने 20 मार्च को विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर पहला ब्रेक थ्रू सफलतापूर्वक हासिल किया था। वहीं दूसरी टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम)-2 ने 14 मई को ब्रेक थ्रू हासिल किया था।
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