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    पटना मेट्रो में बहाली के नाम पर फर्जी इंटरव्यू, बेरोजगार युवाओं से ठगी; मामला पुलिस तक पहुंचा

    By ASHISH SHUKLAEdited By: Radha Krishna
    Updated: Mon, 29 Dec 2025 09:22 AM (IST)

    पटना मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। फर्जी इंटरव्यू आयोजित कर डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेशन सुपर ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, पटना। पटना मेट्रो परियोजना में बहाली के नाम पर बेरोजगार युवाओं से ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। नौकरी दिलाने का झांसा देकर फर्जी इंटरव्यू आयोजित किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में युवाओं को बुलाया गया और उनसे अलग–अलग बहानों से पैसे भी वसूले गए। मामला सामने आने के बाद पीड़ित युवाओं ने पुलिस से शिकायत की है, जिसके बाद जांच शुरू कर दी गई है।

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    पीड़ितों के अनुसार सोशल मीडिया और कुछ वेबसाइटों पर पटना मेट्रो में डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेशन सुपरवाइजर, गार्ड, फिट्टर, लाइनमैन समेत अन्य पदों पर बहाली से जुड़ा विज्ञापन प्रसारित किया गया था।

    विज्ञापन देखने के बाद जब युवाओं ने दिए गए नंबरों पर संपर्क किया, तो उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इंटरव्यू की प्रक्रिया भी इतनी पेशेवर तरीके से कराई गई कि किसी को संदेह नहीं हुआ।

    युवाओं का कहना है कि इंटरव्यू के दौरान खुद को मेट्रो से जुड़ा अधिकारी बताने वाले लोगों ने दस्तावेजों की जांच की और चयन का भरोसा दिलाया।

    इसके बाद मेडिकल, ट्रेनिंग और फाइल प्रोसेसिंग के नाम पर उनसे पैसे मांगे गए। कई युवाओं ने नौकरी की आस में हजारों से लेकर लाखों रुपये तक दे दिए।

    कुछ दिनों बाद जब न तो ज्वाइनिंग लेटर मिला और न ही संपर्क करने पर कोई संतोषजनक जवाब, तब युवाओं को ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद पीड़ितों ने एक–दूसरे से संपर्क किया, तो पता चला कि इसी तरह कई अन्य युवाओं को भी फर्जी बहाली के जाल में फंसाया गया है। मामला बढ़ता देख इसकी शिकायत पुलिस से की गई।

    सूत्रों के अनुसार फर्जी इंटरव्यू और नियुक्ति पत्रों में पटना मेट्रो से मिलते–जुलते लोगो और लेटरहेड का इस्तेमाल किया गया था, जिससे युवाओं को भ्रम हुआ। कुछ फर्जी ई–मेल और वेबसाइट लिंक भी साझा किए गए, ताकि ठगी को असली प्रक्रिया जैसा दिखाया जा सके।

    पटना मेट्रो प्रशासन ने इस मामले पर स्पष्ट किया है कि मेट्रो में किसी भी तरह की बहाली केवल आधिकारिक वेबसाइट और अधिकृत माध्यमों से ही की जाती है।

    निजी नंबरों, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया के जरिए इंटरव्यू या पैसे की मांग पूरी तरह फर्जी है। अधिकारियों ने युवाओं से अपील की है कि वे ऐसे झांसे में न आएं और किसी भी बहाली से पहले आधिकारिक सूचना की पुष्टि जरूर करें।

    पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। फर्जी विज्ञापन जारी करने वालों, इंटरव्यू कराने वालों और पैसे लेने वालों की पहचान की जा रही है। जल्द ही इस गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा।

    इस घटना ने एक बार फिर बेरोजगार युवाओं की मजबूरी और ठगों की सक्रियता को उजागर कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि उनकी मेहनत की कमाई किसी फर्जीवाड़े की भेंट न चढ़ जाए।