Bihar Bhumi: पटना में जमीन का 'जंजाल', लाखों आवेदन पेंडिंग; म्यूटेशन-परिमार्जन की खुली पोल
पटना जिला भू-राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए 10 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 17,242 अभी भी लंबित हैं। 3.66 लाख आ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पटना। जिला भू-राजस्व विभाग की ताजा रिपोर्ट ने प्रशासनिक दावों की पोल खोल दी है। 24 दिसंबर तक ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए कुल 10 लाख 20 हजार 972 आवेदन मिले। इनमें से 98.31 प्रतिशत (10,03,606) का निष्पादन हुआ, लेकिन हकीकत यह है कि 17,242 आवेदन अब भी लंबित हैं। 6 लाख 37 हजार 162 आवेदन स्वीकृत किए हैं तो 3 लाख 66 हजार 444 (35.89 प्रतिशत) आवेदन अस्वीकृत किए गए हैं।
इतनी बड़ी संख्या में आवेदन क्यों खारिज किए गए, इसकी वजह रिपोर्ट में नहीं बताई गई है। ऑनलाइन व्यवस्था व तेजी से निष्पादन के सरकारी दावों के बावजूद हजारों आवेदनों का लंबित रहना, बड़ी प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है। म्यूटेशन व परिमार्जन के लंबित मामलों की गंभीर तस्वीर को देखते हुए विभाग ने सभी राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों के अवकाश पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है।
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने दाखिल–खारिज, परिमार्जन, मापी, अतिक्रमण और भूमि विवाद से जुड़े लंबित मामलों को 31 दिसंबर तक हरहाल में निपटाने के लिए पूर्व से स्वीकृत अवकाश भी तत्काल प्रभाव से रद कर दिए हैं। साथ ही सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, अंचलाधिकारी, राजस्व पदाधिकारी व कर्मियों को अपने-अपने क्षेत्र में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर लंबित मामलों का निष्पादन करने का आदेश दिया है।
सात प्रखंड के हाल सबसे खराब:
रिपोर्ट के अनुसार 24 दिसंबर तक ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए 10.20 लाख से अधिक आवेदन मिले। इनमें से 98.31 प्रतिशत के निष्पादन का दावा है। बावजूद इसके 17,242 आवेदन लंबित हैं। इनमें से 731 आवेदन 120 दिन या उससे अधिक समय से अटके हैं। संपतचक, बिहटा, दीदारगंज और फुलवारीशरीफ जैसे सात प्रखंडों में सैकड़ों आवेदन महीनों से लंबित हैं।
परिमार्जन प्लस के तहत जमाबंदी डिजिटाइजेशन की स्थिति भी चिंताजनक है। यहां हजारों आवेदन 120 दिन से अधिक समय से लंबित हैं, जबकि बड़ी संख्या में आवेदनों को वापस कर दिया गया है। इसके अलावा 73 हजार से अधिक जमाबंदी का ऑनलाइन रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं है।
पटना को मॉडल रेवेन्यू जिला बनाने का लक्ष्य:
पटना को रेवेन्यू का आदर्श जिला बनाना है। इसकी शुरुआत एक जनवरी से पंचायतवार समीक्षा से होगी। इसमें लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई तय है।
प्रशासन का मानना है कि प्रदेश में करीब 68 प्रतिशत अपराध जमीन विवाद से जुड़े होते हैं, ऐसे में भूमि संबंधी मामलों का समयबद्ध निपटारा सर्वोच्च प्राथमिकता है। डीएम ने दलालों के हस्तक्षेप पर रोक लगाने, दाखिल–खारिज में बेवजह आपत्ति लगाने की प्रवृत्ति खत्म करने व ई-मापी पोर्टल पर मापी प्रतिवेदन अपलोड में हो रही लापरवाही दूर करने को सख्त आदेश दिए हैं।
इसके लिए सभी अंचलाधिकारियों को अपने अधीनस्थ कर्मियों की नियमित मानिटरिंग और कार्यों में संवेदनशीलता व दक्षता लाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सरकारी जमीन का गलत दाखिल–खारिज करने वाले अधिकारी खुद सुधार करें नहीं तो दूसरा मौका नहीं देने की बात कही गई है।
आनलाइन म्यूटेशन लंबित रिपोर्ट:
| विवरण | संख्या | प्रतिशत |
|---|---|---|
| कुल प्राप्त आवेदन | 1,020,972 | - |
| कुल निष्पादित आवेदन | 1,003,606 | 98.31% |
| स्वीकृत आवेदन | 637,162 | - |
| अस्वीकृत आवेदन | 366,444 | 35.89% |
| लंबित आवेदन | 17,242 | 1.69% |
लंबित आवेदनों की अवधि के अनुसार स्थिति
| अवधि | लंबित आवेदनों की संख्या |
|---|---|
| 35 या उससे अधिक दिन से लंबित | 3,278 |
| 75 या उससे अधिक दिन से लंबित | 1,122 |
| 120 या इससे अधिक दिन से लंबित | 731 |
प्रखंडवार लंबित आवेदनों की स्थिति
| प्रखंड | कुल लंबित आवेदन | 35 दिन या अधिक | 75 दिन या अधिक | 120 दिन या अधिक |
|---|---|---|---|---|
| फुलवारीशरीफ | 1,897 | 218 | 48 | 26 |
| बिहटा | 1,749 | 426 | 78 | 74 |
| संपतचक | 1,737 | 351 | 216 | 364 |
| दीदारगंज | 1,342 | 595 | 52 | 70 |
| नौबतपुर | 1,254 | 95 | 77 | 59 |
| मनेर | 1,099 | 308 | 399 | 45 |
| दानापुर | 960 | 136 | 37 | 15 |

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