पटना आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ. बिंदे को स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. बिंदे कुमार को सरकार ने बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। डॉ. कुमार अगले आदेश तक के लिए स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति के दायित्वों का निर्वहन अपने मूल दायित्व के अतिरिक्त करेंगे। कुलपति के कामों का अनुपालन तब तक करेंगे जब तक कि नए कुलपति कार्यभार ग्रहण नहीं कर लेते हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के निदेशक डॉ. बिंदे कुमार को बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुक्रवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की गई।
अधिसूचना के अनुसार डॉ. कुमार अगले आदेश तक के लिए स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति के दायित्वों का निर्वहन अपने मूल दायित्व के अतिरिक्त करेंगे। स्पष्ट किया गया है कि डॉ. कुमार कुलपति के कामों का अनुपालन तब तक करेंगे जब तक कि नए कुलपति कार्यभार ग्रहण नहीं कर लेते हैं।
इधर विभाग की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद प्रो (डा) बिंदे कुमार ने विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार भी ग्रहण कर लिया। वहां पर कर्मचारियों ने नए कुलपति के रूप में उनका स्वागत किया।
अब 3 दिन होगा पीएमएसएमए दिवस
इधर, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने की दिशा में सरकार निरंतर काम कर रही है। अस्पतालों में प्रसव कक्ष की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ डाक्टरों एवं स्टाफ नर्सेज की उपलब्धता एवं उनके क्षमतावर्धन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी कड़ी में अब निर्णय हुआ है कि अब हर महीने तीन दिन यानी 9, 15 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस आयोजित होंगे।
उन्होंने कहा कि अभी तक महीने में दो दिन यानी 9 एवं 21 तारीख को पीएमएसएमए दिवस आयोजित किया जा रहा था। इस पहल से प्रसव के दौरान अधिक से अधिक उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर प्रसव के दौरान होने वाले जोखिम से उन्हें सुरक्षित रखने में सफलता मिलेगी। पांडेय ने कहा कि वर्ष 2024-25 के प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर लगभग नौ लाख से अधिक गर्भवती महिलाएं शामिल हुई थीं।
इसे ध्यान में रखते हुए अब महीने में तीन बार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस आयोजित करने का फैसला लिया गया है ताकि प्रत्येक गर्भवती महिला को समय और सावधानी के साथ उचित एवं गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा मिल सके। इससे न केवल जांच का स्तर सुधरेगा, बल्कि समय पर उच्च जोखिम गर्भावस्थाओं की पहचान कर जरूरी चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जा सकेगी।
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