BPSC 70th Exam Row: 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा रद करने की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित
पटना हाईकोर्ट ने 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को रद्द करने से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता पी.के. शाही ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

विधि संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट में 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को रद करने से जुड़ी याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुबह 10:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक लगातार छह मामलों की सुनवाई की। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता पी.के. शाही ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और परीक्षा पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई थी। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान आयोग द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया गया था।
छात्रों ने किया हंगामा
- महाधिवक्ता ने बताया कि परीक्षा केंद्रों के बाहर निजी कोचिंग संस्थानों के लोग और परीक्षार्थियों के स्वजन मौजूद थे, जिन्हें दूर रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था।
- परीक्षा केंद्रों पर जैमर भी सुचारू रूप से काम कर रहे थे। महाधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि पटना के बापू सभागार में आयोजित परीक्षा के दौरान कुछ छात्रों ने हंगामा किया, जिससे परीक्षा बाधित हुई।
- इस घटना के बाद अगमकुआं थाना में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं, कुछ छात्रों को गिरफ्तार किया गया, और कई छात्रों पर तीन साल के लिए परीक्षा देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
सरकार की ओर से क्या कहा गया?
सरकार की ओर से बताया गया कि परीक्षा के विवादित प्रश्नों पर परीक्षार्थियों से आपत्तियां मांगी गई थीं। इन आपत्तियों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई, जिसने विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया, और उसी आधार पर पीटी परीक्षा का परिणाम जारी किया गया।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने याचिकाकर्ताओं के आरोपों को गलत बताते हुए कोर्ट को तथ्यों से अवगत कराया। आयोग ने तर्क दिया कि परीक्षा की प्रक्रिया निष्पक्ष थी और सभी मानकों का पालन किया गया। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में नामांकन के लिए 15 तक आवेदन
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइआइएसइआर) में नामांकन के लिए अब अलग से प्रवेश परीक्षा होगी। इसमें नामांकन के लिए एप्टिट्यूड टेस्ट (आइएटी) में शामिल होना होगा।
सभी सात इंस्टीट्यूशन के सभी कोर्सों में नामांकन के लिए 25 मई को प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए 15 अप्रैल तक आवेदक वेबसाइट iiseradmission.in पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। 15 मई को प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा।
अबतक आइआइएसइआर में नामांकन जेईई एडवांस की रैंक के आधार पर होता था। पांच साल के बीएस-एमएस (डुअल प्रोग्राम), चार साल के बीटेक और बीएस डिग्री प्रोग्राम के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होगा।
12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलाजी या मैथ में से तीन में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।
इंडियन इंस्टिट्यूट आफ साइंस (आइआइएससी, बेंगलुरु) अपने बीएससी रिसर्च प्रोग्राम और आइआइटी मद्रास बीएस-मेडिकल साइंसेज और इंजीनियरिंग प्रोग्राम के लिए भी इसी प्रवेश परीक्षा की रैंक का उपयोग करेगा।
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