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    पटना हाईकोर्ट ने श्रीजन घोटाले से जुड़े मामले में संयुक्त ट्रायल की अर्जी खारिज

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 06:38 PM (IST)

    हाईकोर्ट ने बहुचर्चित श्रीजन घोटाले से जुड़े मामलों में संयुक्त ट्रायल की याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका तीन आरोपियों अमरेन्द्र कुमार यादव राकेश कुमार और अजय कुमार पांडेय द्वारा दाखिल की गई थी जिसमें उन्होंने विशेष न्यायालय सीबीआई-2 पटना के 1 अप्रैल 2024 के आदेश को चुनौती दी थी।

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    पटना हाईकोर्ट ने श्रीजन घोटाले से जुड़े मामले में संयुक्त ट्रायल की अर्जी खारिज

    विधि संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट ने बहुचर्चित श्रीजन घोटाले से जुड़े मामलों में संयुक्त ट्रायल की याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका तीन आरोपियों अमरेन्द्र कुमार यादव, राकेश कुमार और अजय कुमार पांडेय द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें उन्होंने विशेष न्यायालय, सीबीआई-2, पटना के 1 अप्रैल 2024 के आदेश को चुनौती दी थी।

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    याचिकाकर्ताओं ने तीन मामलों में स्पेशल केस संख्या 6/2017, 3/2018 और 5/2020 की संयुक्त सुनवाई की मांग की थी। न्यायाधीश बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने अपने विस्तृत फैसले में कहा कि तीनों मामलों में ट्रायल अंतिम चरण में है और आरोपियों के बयान धारा 313 सीआरपीसी के तहत दर्ज होने हैं। कोर्ट ने कहा कि संयुक्त ट्रायल का अनुरोध ट्रायल की शुरुआत में किया जाना चाहिए था, न कि ट्रायल की समाप्ति के करीब।

    कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यद्यपि तीनों मामलों की उत्पत्ति एक ही एफआईआर से हुई है और साक्ष्य भी समान हैं, फिर भी अलग-अलग आरोप-पत्र दाखिल हुए हैं और ट्रायल अलग-अलग चल रहे हैं। ट्रायल कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही निर्देशित किया गया था कि केस संख्या 3/2018 की सुनवाई छह महीने में पूरी की जाए।

    न्यायालय ने कहा कि यदि इस स्तर पर मामलों को जोड़ने की अनुमति दी जाती है तो इससे न्यायिक विलंब होगा और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन भी होगा। कोर्ट ने यह भी दोहराया कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 223 केवल “सुविधा और औचित्य” के लिए है, और इसका उद्देश्य ट्रायल में विलंब करना नहीं है। इस प्रकार, हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराते हुए क्रिमिनल रिविजन संख्या 416/2024 को खारिज कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि संयुक्त ट्रायल की अनुमति देने से न्याय में बाधा उत्पन्न होगी ।