पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी राजस्व सेवा के अधिकारियों को नहीं मिली राहत, पोस्टिंग का इंतजार
पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी राजस्व सेवा के अधिकारियों को डीसीएलआर पदों पर नियुक्ति नहीं मिल रही। प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति जारी है जबकि न्यायालय ने राजस्व सेवा के अधिकारियों को नियुक्त करने का आदेश दिया था। राजस्व सेवा संघ ने इस पर आपत्ति जताई है और न्यायालय के आदेश का पालन न होने पर न्यायालय जाने की बात कही है।

राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों को उनके लिए निर्धारित स्थान पर पोस्टिंग नहीं हो रही है। हाई कोर्ट ने डीसीएलआर एवं समकक्ष पदों पर राजस्व सेवा के अधिकारियों की पोस्टिंग का आदेश दिया था। इसके बावजूद इन पदों पर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी तैनात किए जा रहे हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग ने 21 जून को बिहार प्रशासनिक सेवा के 18 अधिकारियों को डीसीएलआर के पद पर पदस्थापित किया। इसके तीन दिन बाद एक और अधिसूचना जारी हुई। उसके जरिये भी बिहार प्रशासनिक सेवा के 10 अधिकारियों का पदस्थापन डीसीएलआर के पद पर हुआ।
पटना हाई कोर्ट में राजस्व सेवा संघ के दावे से जुड़ा मामला लंबे समय से चल रहा था। हाई कोर्ट ने 19 जून को ही डीसीएलआर के पद पर सिर्फ राजस्व सेवा के पदाधिकारियों को पदस्थापित करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारी के पद पर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को तैनात किया जाए। 30 जून को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारी के पद पर 65 अधिकारियों को पदस्थापित किया। इसमें भी हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी की गई। इसमें बिहार प्रशानिक सेवा के साथ राजस्व सेवा के अधिकारियों की भी पोस्टिंग की गई है।
सरकार द्वारा न्यायालय के आदेशों की अनदेखी कर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को राजस्व सेवा के स्वीकृत पदों पर पदस्थापित करना न तो न्यायोचित है और न ही संविधान सम्मत। हम आशा करते हैं कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर उच्च न्यायालय के निर्देशों का अक्षरशः पालन करेगी। यह नहीं हुआ तो संघ न्यायालय की शरण लेगा। - आनन्द कुमार, अध्यक्ष, बिहार राजस्व सेवा संघ (बिरसा)
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