पनीर में न दूध की महक न स्वाद, जीभ में चिपक गया शेक; खाद्य विभाग की बड़ी कार्रवाई
पटना में खाद्य विभाग ने पनीर, जूस और शेक में मिलावट पाए जाने पर एक होटल और दुकान को सील कर दिया। यह कार्रवाई मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री के खिलाफ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी में खाद्य सामग्रियों के साथ अब जूस-शेक में भी मिलावट कर आमजन की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। बुधवार को क्रिसमस व आंग्ल नववर्ष को देखते हुए की गई छापेमारी में यह मामला सामने आया।
खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि कंकड़बाग में मेदांता अस्पताल के ठीक सामने चल रहे कृष्णा होटल एंड फैमिली रेस्टोरेंट में प्रथमदृष्टया मिलावटी पनीर तो राजेंद्र पुल के पास स्थित कृष्णा जूस एवं शेक सेंटर पर केमिकलयुक्त जूस-शेक परोसा जा रहा था। दोनों प्रतिष्ठान बिना लाइसेंस के चल रहे थे। दोनों को तत्काल बंद करने का आदेश दिया गया। होटल से लिए गए पनीर व मसालों के नमूनों की जांच अगमकुआं स्थित राज्य की प्रयोगशाला तो जूस दुकान से लिए जूस-शेक व डी-पाउडर के नमूने को दूसरे राज्य भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
पनीर में न दूध की महक न स्वाद:
अजय कुमार ने बताया कि कृष्णा होटल में इस्तेमाल हो रहा पनीर घटिया व संदिग्ध था। इसमें न तो दूध की प्राकृतिक खुशबू थी और न ही स्वाद। रंग असामान्य रूप से अत्यधिक सफेद व चमकदार था जो मिलावट की ओर इशारा करता है। आशंका है कि इसमें सिंथेटिक केमिकल या नकली दूध उत्पाद का उपयोग किया गया है।
पीते ही शेक चिपक गया जीभ में:
इसके बाद टीम ने पास ही भू तत्व सर्वेक्षण कार्यालय के सामने स्थित जूस-शेक की दुकान की जांच की। जांच के क्रम में जब खाद्य संरक्षा पदाधिकारी ने शेक व जूस पिया तो उसका स्वाद वास्तिक से अलग मिला। साथ ही शेक पीने पर जीभ व तालू पर चिपचिपा, केमिकल जैसा अहसास हुआ।
पूछताछ में दुकानदार ने माना कि उसमें डी-पाउडर मिलाता था। हालांकि, उसका कोई रैपर आदि नहीं था। दुकानदार ने बताया कि यह पालिथीन में पैक आता है जिसे वह डिब्बे में भर कर रखता है। इसमें इमल्सीफायर यानी थिकनर-स्टेबलाइजर (केमिकल गाढ़ा करने वाले पदार्थ) मिलाने की आशंका है। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि यह कितना खतरनाक है।
इस क्षेत्र में मरीजों व उनके स्वजन की संख्या अधिक:
खाद्य संरक्षा विभाग ने राजेंद्र नगर पुल के पास से मेदांता हास्पिटल के बीच जहां बुधवार को छापेमारी की वहां और करीब दर्जन भर से अधिक बड़े निजी अस्पताल है। इसके अलावा कई बड़े क्लीनिक है। इस क्षेत्र में मरीज व उनके स्वजन इन होटल व जूस दुकानों से खरीदारी करते हैं। हर दिन हजारों मरीज, गर्भवती महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग यह मिलावटी खाना व केमिकलयुक्त जूस से कई गंभीर रोगों की चपेट में आ रहे हैं।
सबसे जरूरी विभाग, सबसे ज्यादा उपेक्षित:
जिले में होटल, रेस्त्रां, स्ट्रीट वेंडर, किराना दुकान समेत खाद्य सामग्रियों से जुड़ी करीब 70 हजार दुकानें हैं। इनमें गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी एक भी नहीं आधे अधिकारी के पास है। कारण उनके पास भोजपुर जैसा एक जिला और है। यही नहीं पुलिस विभाग को भी मिलावट रोकने का अधिकार है लेकिन वह इसमें सहयोग नहीं देते।
जिला प्रशासन के स्तर से भी होली दिवाली ही मजिस्ट्रेट व पुलिस बल उपलब्ध कराया जाता है। कुल मिलाकर खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता जांच राजधानी तक में खानापूर्ति के लिए ही की जाती है।

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