पटना में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामले, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की चेतावनी
पटना में डेंगू का खतरा बढ़ गया है विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है। जुलाई में 24 मामले थे जबकि अगस्त के पहले 10 दिनों में 7 नए मामले सामने आए। बारिश और जलजमाव से मच्छरों का प्रजनन बढ़ा है। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग फॉगिंग कर रहे हैं। सिविल सर्जन ने जांच कराने और पानी जमा न होने देने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना में डेंगू के खतरे को देखते हुए विशेषज्ञों ने सभी को अलर्ट कर दिया है। जुलाई में जहां पटना जिले में 24 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी, वहीं अगस्त के पहले 10 दिनों में सात नए मामले सामने आए हैं।
शहर के कई इलाकों में लगातार बारिश और जलजमाव ने मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर दिया है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ गया है। पिछले कुछ हफ्तों से राजधानी में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण कई इलाकों में जलनिकासी की समस्या है।
राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, पाटलिपुत्र कॉलोनी, अनीसाबाद, अगमकुआं और दानापुर जैसे इलाकों में सड़कें और गलियां पानी से लबालब हैं, जिससे डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छरों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि, स्थिति को गंभीर देखते हुए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित इलाकों में फॉगिंग, लार्वा नाशक का छिड़काव और मच्छर जनित बीमारियों को लेकर जन जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है।
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि डेंगू के लक्षण दिखते ही लोगों को तुरंत जांच करानी चाहिए। साथ ही, घरों और आसपास के इलाकों में पानी जमा न होने दें। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रो. रवि कीर्ति ने बताया कि बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को विशेष देखभाल की ज़रूरत है।
सुबह और शाम पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए। पैंट या लोअर पहनना चाहिए। इससे मच्छरों के काटने से बचा जा सकता है। रात में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। बुखार होने पर पैरासिटामोल लें। अगर तीन दिन तक बुखार न उतरे, तो ज़रूरी जाँच करवानी चाहिए।
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