Patna Crime News: पथलौटिया घाट पर बदमाशों ने एके-47 से बरसाईं गोलियां, डर के मारे पूरी रात राम नाम जपते रहे ग्रामीण
भोजपुर और पटना की सीमा पर स्थित पथलौटिया घाट पर सोमवार की रात दो गुटों के बीच हिंसक झड़प में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए ...और पढ़ें

जागरण टीम, पटना। भोजपुर और पटना की सीमा पर स्थित पथलौटिया घाट पर सोमवार की रात दो गुटों के बीच हिंसक झड़प में एके-47 राइफल से भी गोलियां दागी गईं। इस घाट का एक किनारा पटना के बिहटा थाना क्षेत्र के अंतर्गत है, जबकि दूसरा भोजपुर के कोईलवर थाना क्षेत्र में।
अपराधियों ने सात पोकलेन फूंक डाला
रात भर पथलौटिया, हलखोरियाचक, अमनाबाद और मौदही टोलों के ग्रामीण दहशत में रहे। अपराधियों ने सात पोकलेन फूंक डाला। सूचना के बाद भी भोजपुर और पटना जिलों की पुलिस को पहुंचने में 17 घंटे लग गए। घटना की जानकारी मिलने पर शाहाबाद रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक नवीन चंद्र झा भी पहुंचे।
हालांकि, तब तक अपराधी फरार हो चुके थे, मगर कुछ पोकलेन से धुंआ उठ रहा था। बड़ी संख्या में विभिन्न बोर की गोलियों के खोखे भी बरामद हुए। सूत्र बताते हैं कि इनमें सबसे अधिक 0.315 और एके-47 राइफल के खोखे थे।
आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी
सिटी एसपी राजेश कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में विकास और मनोहर गुट में झड़प की बात सामने आई है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। वहीं, शाहाबाद डीआइजी ने कहा कि फायरिंग में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। कितनी राउंड फायरिंग हुई और हथियार कौन से थे, इस पर जांच चल रही है।
सूत्रों की मानें तो सोन नदी के पथलौटिया बालू घाट पर मनोहर राय गुट का अवैध कब्जा है। जेल में बंद अनीश राय गिरोह के सहायक सरगना विकास उर्फ मूतन और मोनू ने सोमवार की रात लगभग साढ़े आठ बजे दो दर्जन से अधिक गुर्गों के साथ मनोहर गुट पर हमला बोल दिया।
अचानक फायरिंग होते ही मनोहर गुट के गुर्गे भागने लगे, जिसका लाभ उठा कर विरोधियों ने पोकलेन फूंक डाले। गोलियों की तड़तड़ाहट से आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। लोगों ने खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए। हालांकि, गोलियों की आवाज बिहटा थाने तक नहीं पहुंची। थानेदार कमलेश्वर प्रसाद सिंह सुबह तक घटना से अनभिज्ञता जाहिर करते रहे।
रतजगा कर राम का नाम जपते रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने पहचान छिपाए रखने की शर्त पर बताया कि रात लगभग साढ़े आठ बजे गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी। गर्मी और उमस होने के कारण कुछ ग्रामीण दलान में बैठ कर बातें कर रहे थे। वे भागते हुए घरों में आए और खिड़की दरवाजे बंद कर दिए।
थोड़ी देर बाद फायरिंग के साथ शोर-शराबे और गोली-गलौच की आवाज सुनाई देने लगी। ग्रामीण समझ गए कि दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष शुरू हो गया है। कोई घर में न घुस जाए, इसलिए उन्होंने बत्तियां भी बुझा दीं। एक बुजुर्ग ने कहा कि रात भर वे राम का नाम जपते रहे, ताकि अपराधी गांव में न धमक जाएं। यदि उन्हें संरक्षण नहीं दिया तो वे गोली मार देंगे और उनकी मदद करने पर पुलिस जेल भेज देगी। दोनों ही सूरत में उनका ही नुकसान है।

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