Bihar News: बिहार में अब कैदी बनाएंगे जेल की दीवारें, रेडियो पर सुनेंगे गीत-भजन
बिहार की जेलों में अब कैदियों को भवन निर्माण का काम मिलेगा। तकनीकी रूप से प्रशिक्षित कैदियों को प्राथमिकता दी जाएगी और उन्हें उचित मजदूरी भी मिलेगी। 17 नई काराओं में जेल रेडियो की स्थापना की जाएगी जहां कैदी देशभक्ति गीत और भजन सुन सकेंगे। कारा सुधार समिति की सिफारिश के बाद यह निर्णय लिया गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। कैदियों को रोकने वाली जेल की दीवारों की ऊंचाई अब उसी जेल में बंद कैदी ही बढ़ाएंगे। राज्य के जेलों में होने वाले भवन निर्माण में अब जेल में बंद कैदियों को काम दिया जाएगा।
इसमें तकनीकी रूप से प्रशिक्षित सश्रम कारावास बंदियों को प्रथम प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बदले कैदियों को उचित मजदूरी का भी भुगतान किया जाएगा ताकि, उनको आर्थिक लाभ मिल सके।
गृह विभाग (कारा) के इस प्रस्ताव को भवन निर्माण विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही राज्य के एक दर्जन से अधिक नई जेलों में भी कैदियों के दिन की शुरुआत अब देशभक्ति गीतों और भजन से होगी।
इसके लिए 17 नई काराओं में जेल रेडियो के स्थापना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इस योजना पर करीब 33 लाख 63 हजार की राशि खर्च होगी।
दरअसल, बिहार विधानसभा की कारा सुधार समिति ने पिछले दिनों राज्य के पांच जिलों में स्थल अध्ययन यात्रा की। इस दौरान कई जेलों का निरीक्षण कर कमियों को इंगित करते हुए विभिन्न स्तर पर सुधार के सुझाव दिए।
इसको लेकर पिछले माह एक बैठक भी हुई इसमें विचार-विमर्श हुआ कि जेल में जब भी कोई भवन निर्माण का काम शुरू हो, उसमें यहां के बंदी को काम देने में प्राथमिकता दी जाए।
जेल के बंदी को प्रथम प्राथमिकता के रूप में राज मिस्त्री, मजदूर, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर आदि का काम कराया जाए। इनमें से कई कामों का बंदियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
इसके बाद कारा एवं सुधार सेवाएं के संयुक्त सचिव सह निदेशक संजीव जमुआर ने भवन निर्माण विभाग के सचिव को पत्र लिखकर जेलों की आधारभूत संरचना निर्माण में कैदियों को काम देने का आग्रह किया।
इसमें बंदियों के सुरक्षा मानक का अनुपालन करते हुए काम देने की सिफारिश की गई ताकि, उन्हें आर्थिक लाभ भी मिल सके। गृह विभाग कारा के प्रस्ताव को अब भवन निर्माण विभाग ने स्वीकृति देते हुए सभी कार्यपालक अभियंता, भवन प्रमंडल आदि को इसका अनुपालन करने का निर्देश दिया है।
इन काराओं में भी होगी जेल रेडियो की शुरुआत
जेल रेडियो का दायरा जेल परिसर तक ही होता है। इसमें गीत-भजनों के अलावा कैदियों के लिए अलग-अलग विषयों पर आधारित जानकारीपरक सूचनाएं भी समय-समय पर प्रसारित की जाती हैं।
अगर कोई कैदी रुचि लें तो वह रेडियो जॉकी की भूमिका भी प्रशासन की अनुमति से निभा सकता है। वर्तमान में आदर्श केंद्रीय कारा बेउर, केंद्रीय कारा बक्सर समेत कई महत्वपूर्ण काराओं में कैदी जेल रेडियो का आनंद ले रहे हैं।
अब इसका विस्तार करते हुए दानापुर, बाढ़, पटना सिटी, मसौढ़ी, हिलसा, बिक्रमगंज, बगहा, बेनीपुर, झंझारपुर, बेनीपट्टी, रोसड़ा, दलसिंहसराय, वीरपुर, उदाकिशुनगंज, नवगछिया, शेरघाटी और दाऊदनगर उपकारा के कैदी भी जल्द जेल रेडियो का आनंद ले सकेंगे।
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