Bihar News: पैक्सों को केंद्रीय सहकारी बैंकों से जोड़ने की हो रही तैयारी, पांच लाख तक मिलेगा लोन
बिहार सरकार 2456 पैक्सों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से जोड़ने की तैयारी कर रही है जिससे उन्हें व्यवसायिक कार्यों में मदद मिलेगी। इसके तहत पैक्सों को पांच लाख रुपये तक की ऋण सुविधा मिलेगी और वे ग्रामीण पर्यटन और स्थानीय उत्पादों के विपणन जैसे क्षेत्रों में काम कर सकेंगे। मखाना किसानों को भी आर्थिक सहायता मिलेगी जिससे पैक्सों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के पैक्सों में व्यवसायिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए 2456 पैक्सों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से जोड़ने की तैयारी हो रही है। इसके लिए सहकारिता विभाग ने 15 जुलाई तक सहकारी बैंकों से पैक्सों से एमओयू करने संबंधी प्रस्ताव मांगा है।
राज्य में 23 जिला केंद्रीय सहकारी बैंंक हैं जिससे दूसरे चरण में 2300 और पैक्सों को जोड़ा जाएगा। अगले साल तक सहकारी बैंकों से सभी 8400 पैक्सों को जोड़ने की योजना है।
बैंकों से पैक्सों के जुड़ने से पांच लाख रुपये तक ऋण सुविधा मिलेगी। पैक्सों के क्रेडिट के आधार पर ऋण सुविधा बढ़ायी जाएगी। इससे पैक्सों को कारोबार करने में मदद मिलेगी।
सहकारिता विभाग ने पैक्सों में कारोबार को बढ़ावा देने का निर्देश सहकारी बैंकों को दिया है, ताकि पैक्सों को विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का अवसर मिल सके।
इसके लिए विभाग के स्तर से पैक्सों में ग्रामीण पर्यटन, स्थानीय उत्पादों का विपणन और स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु कार्य योजना बनाकर अमल कराया जाएगा।
सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने पैक्सों को होमस्टे, पैकेज टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन और परिवहन सेवाएं जैसी गतिविधियों में शामिल होने के निर्देश दिया है। इसके अलावा पैक्सों को स्थानीय उत्पादों, जैसे मखाना, के प्रसंस्करण और विपणन में भी शामिल किया जाएगा।
पैक्सों में नये व्यवसाय को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। अगले साल से पैक्स होमस्टे, ट्रैवल गाइड और टूर पैकेजिंग जैसी सेवाएं प्रदान करेंगे, जिससे ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
पैक्सों के माध्यम से मखाना किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव पर विभाग के स्तर से जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
इसके अलावा सहकारी बैंकों से पैक्सों को ऋण सुविधा मिलने के बाद सहकारी समितियों को मखाना आधारित प्रसंस्करण इकाइयों, पैकेजिंग केंद्रों और ब्रांडिंग के लिए सक्षम बनाया जाएगा। यह पहल न केवल पैक्सों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी।
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