Bihar Chunav 2025: वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के दौरान मतदाता कैसे हो रहे कंफ्यूज? सब कुछ क्लियर
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है। तेजस्वी यादव और महागठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए पुनरीक्षण पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने आधार मनरेगा जॉब कार्ड और राशन कार्ड को पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया और 9 तारीख को सड़क जाम का ऐलान किया।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर सियासत चरम पर है। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर चुनाव आयोग को भ्रमित बताया।
इन नेताओं ने मांग की कि आयोग तत्काल विशेष पुनरीक्षण पर रोक लगाए और चुनाव के बाद यह काम कराए। महागठबंधन के नेताओं ने कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार पर जमकर हमला बोला।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हम एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में दिल्ली और पटना में चुनाव आयोग से मिले थे लेकिन हमारे किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
आयोग एक ही दिन में तीन अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी करता है। इससे मतदाता भ्रमित हो रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से आधार, मनरेगा जॉब कार्ड और राशन कार्ड को पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने की मांग की।
उन्होंने कहा, ग्रामीण और वंचित तबके के पास अक्सर ये दस्तावेज होते हैं। आयोग को भी इन दस्तावेजों को वैध मानना चाहिए।
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि विशेष पुनरीक्षण के खिलाफ महागठबंधन ने 9 तारीख को सड़क जाम किया है। जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियनों ने भी चक्का जाम को अपना समर्थन दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वामपंथी दलों और विकासशील इंसान पार्टी के नेता भी मौजूद थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।