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    Bihar Crime: मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश, सरगना महिला की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश जारी

    By Ashish Shukla Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 30 Jun 2025 11:50 AM (IST)

    पटना पुलिस दानापुर से लापता किशोरी को बचाने के बाद मानव तस्करी गिरोह की मुख्य सरगना एक महिला की तलाश कर रही है। यह महिला रेलवे स्टेशनों पर किशोरों और महिलाओं को फंसाती थी। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके मोबाइल से मिले संदिग्ध नंबरों की जांच कर रही है।

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    पुलिस लापता किशोरी को बचाने के बाद मानव तस्करी गिरोह की एक महिला की तलाश कर रही है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। दानापुर से लापता किशोरी को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराने और इसमें शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उस महिला की तलाश कर रही है जो इस गिरोह की मुख्य कड़ी है। महिला रेलवे स्टेशन पर किशोरों और महिलाओं को अपने जाल में फंसाती थी।

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    पुलिस को उस महिला की तस्वीर भी मिल गई है, जिसे नजदीकी रेलवे स्टेशन से जुड़े थाने और रेल पुलिस को भेज दिया गया है। पुलिस की मानें तो उसकी गिरफ्तारी के बाद कई और राज खुलेंगे। साथ ही मानव तस्करी के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आ सकते हैं।

    गिरफ्तार पांचों आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल फोन से कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिनका लोकेशन पटना समेत अन्य राज्यों में भी मिला है। इनकी गिरफ्तारी के बाद सभी नंबर बंद हैं।

    कुछ संदिग्धों के सत्यापन और साक्ष्य मिलने पर उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष टीम राजस्थान और मध्य प्रदेश भेजी गई है। साथ ही आरोपियों के बैंक खातों को भी खंगाला जा रहा है। शादी के बाद किशोरी को जिस गिरोह में बेचा गया, उसका मास्टरमाइंड रोहतास के दिनारा का रहने वाला है। पुलिस उसके सभी ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

    बेची गई नौ लड़कियों की पहचान व बरामदगी चुनौती

    26 जून को मानव तस्करी गिरोह से जुड़ी एक महिला व दो एजेंटों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें दो मध्य प्रदेश व रोहतास के रहने वाले थे। पुलिस के अनुसार किशोरी को फंसाने वाली महिला ने ही उसे आरा में महिला को सौंपा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

    वह ही अपहृत किशोर या महिलाओं को अपने घर में पनाह देती थी। बदले में उसे 15 से 20 हजार रुपये मिलते थे। ग्राहक मिलने के बाद किशोरी या महिला को वहां से दूसरी जगह भेज दिया जाता था।

    गिरफ्तारी के बाद पांचों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि छह माह में उन्होंने तीन किशोरियों समेत दस महिलाओं से शादी कर उन्हें बेचा है। इसमें एक किशोरी को पुलिस ने राजस्थान से मुक्त करा लिया, लेकिन अन्य नौ, दो किशोरियां व सात महिलाएं कहां फंसी थीं? वह कौन है? कब से लापता है? उन्हें किस राज्य में बेचा गया था? पुख्ता जानकारी के लिए फरार महिला व मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गई है।

    तस्करी में शामिल लड़की खुद भी थी पीड़ित

    मानव तस्करी के मामले में दानापुर पुलिस के हत्थे चढ़े मध्य प्रदेश के गौरव गोयल और कपिल गुप्ता पहले मध्य प्रदेश में ठेला दुकान लगाते थे। इनमें से एक ने इसी तरह बिहार में किशोरी से शादी की थी, हालांकि इसके लिए उसने अपने रिश्तेदारों को राजी कर लिया था और बदले में पैसे भी दिए थे।

    शादी के बाद गौरव और कपिल अक्सर बिहार आते-जाते थे। साथ ही वे राजस्थान और मध्य प्रदेश में शादी के लिए ग्राहक भी तय करते थे। इससे पहले वर्ष 2023 में पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र की रहने वाली किशोरी को पटना जंक्शन से फंसाकर राजस्थान में बेच दिया गया था।

    किशोरी को मुक्त कराने के साथ ही पुलिस ने जयपुर और दिल्ली से तीन तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसमें एक महिला भी गिरफ्तार हुई थी। उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि उसे भी इसी तरह नौकरी का लालच देकर शादी के नाम पर बेच दिया गया था। बाद में उसका पति उसके जरिए दूसरी किशोरी और लड़कियों को फंसाने लगा।

    थाने का चक्कर लगाते-लगाते थक जाते हैं परिजन

    लड़कियों के लापता होने की शिकायतें आती रहती हैं। पुलिस केस भी दर्ज करती है। तकनीकी अनुसंधान कर लड़कियों को बरामद करने का प्रयास करने का दावा भी किया जाता है। सूत्रों की मानें तो अधिकांश मामलों में पुलिस जांच सुस्त हो जाती है, जिसमें मामला प्रेम प्रसंग का बताया जाता है।

    परिजन भी कई बार थाने का चक्कर लगाते-लगाते थक जाते हैं। इससे पहले पाटलिपुत्र से लापता किशोरी के मामले में एक व्यक्ति को नामजद किया गया था और किशोरी दानापुर में अपनी सहेली से मिलने के लिए निकली थी। पुलिस ने दोनों मामलों की गंभीरता से जांच की तो मामला मानव तस्करी का निकला।