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    बिहार में सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था में होगा सुधार, सरकार ने सख्ती से शुरू किया नया काम

    By Sunil Raj Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 15 Jul 2025 01:44 PM (IST)

    स्वास्थ्य विभाग राज्य के सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए अस्पतालों को तीन तरह के प्रमाणन दिए जा रहे हैं। अब तक 573 अस्पतालों को एनक्यूएएस 432 को कायाकल्प और 27 को लक्ष्य प्रमाणन मिला है। सुपौल किशनगंज और मुंगेर के जिला अस्पतालों को भी एनक्यूएएस प्रमाणन मिला है।

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    स्वास्थ्य विभाग राज्य के सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य विभाग राज्य के सरकारी अस्पतालों के प्रबंधन और चिकित्सा व्यवस्था को गुणवत्तापूर्ण बनाने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए विभाग अस्पतालों को तीन तरह के प्रमाणन से मान्यता दिला रहा है। इससे न सिर्फ मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा, बल्कि अस्पतालों के अंदर एक बेहतर कार्य संस्कृति भी विकसित हो रही है।

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    स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के कुल 13,078 अस्पतालों में से अब तक 573 को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणपत्र दिया जा चुका है। 432 अस्पतालों को कायाकल्प और 27 को लक्ष्य प्रमाणन दिया गया है।

    इसी महीने 8 जुलाई को सुपौल, किशनगंज और मुंगेर के जिला अस्पतालों को एनक्यूएएस प्रमाणन दिया गया है। सुपौल और मुंगेर को भी लक्ष्य प्रमाणन मिला है। एनक्यूएएस के राष्ट्रीय विश्लेषक डॉ. महताब सिंह के अनुसार, प्रमाणन यह साबित करता है कि संबंधित अस्पताल में दी जा रही सेवाएं गुणवत्तापूर्ण हैं।

    इससे मरीजों को संतोषजनक सुविधाएं मिलती हैं। साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों में प्रतिस्पर्धा की भावना भी विकसित होती है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्रमाणन विशेष रूप से मातृ स्वास्थ्य और प्रसवकालीन सुविधाओं को मजबूत करता है, जबकि कायाकल्प कार्यक्रम का स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण पर प्रभाव पड़ता है।