चंदन मिश्रा हत्याकांड: शूटरों की तलाश में बिहार से पश्चिम बंगाल में दबिश, 14 से पूछताछ; 3 हिरासत में
पटना के पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस शूटरों की तलाश में छापेमारी कर रही है। सीसीटीवी फुटेज से शूटरों की पहचान हुई है। चंदन मिश्रा हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था और पैरोल पर बाहर आया था। पुलिस को शेरू और चंदन के बीच गैंगवार की आशंका है।

जागरण संवाददाता, पटना। राजा बाजार स्थित पारस एमएमआरआई हॉस्पिटल में घुसकर प्राइवेट वार्ड में भर्ती सजायाफ्ता गैंगस्टर चंदन मिश्रा को गोलियों से भूनने वाले पांचों शूटरों की तलाश में पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है। एसआईटी और एसटीएफ पटना के फुलवारीशरीफ, पटना सिटी, दानापुर से लेकर बक्सर और पश्चिम बंगाल के अलग अलग ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है।
घटना के कुछ घंटे बाद ही सीसीटीवी फुटेज से शूटरों की पहचान के बाद एसटीएफ बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल में 14 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है। शूटरों के करीबी से लेकर उनके रिश्तेदारों से भी पूछताछ की जा रही है। जहां से शूटरों का कनेक्शन जुड़ रहा है, वहां पुलिस पहुंच रही है।
एसआईटी और एसटीएफ 14 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। तकनीकी अनुसंधान कर पुलिस बक्सर और पटना से तीन को हिरासत में ली है, हालांकि घटना के 36 घंटे बाद भी पुलिस न तो शूटरों का नाम उजागर की है और गिरफ्तारी की पुष्टि कर रही है।
चंदन बक्सर के औद्योगिक थाना क्षेत्र के सोनवर्षा निवासी मंटू मिश्रा का पुत्र था। उसपर बक्सर, आरा के थानों में छह हत्या, आर्म्स एक्ट, रंगदारी सहित 25 मामले दर्ज थे। वह बक्सर में 2011 में व्यापारी राजेंद्र केशरी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा था।
वह पिता के उपचार व स्वयं को हुए फिस्टुला की सर्जरी के लिए पैरोल पर गत तीन जुलाई को बेउर जेल से बाहर आया था। उसे 18 जुलाई की शाम छह बजे तक वापस बेउर जेल जाना था। पैरोल समाप्त होने के लगभग 23 घंटे पहले हत्या हो गई। उम्रकैद की सजा भुगत रहा चंदन पैरोल लेकर पारस में खुद का इलाज करा रहा था।
बताया जा रहा है। पटना पुलिस का दावा है कि जब चंदन भागलपुर जेल में बंद था, तब वहां कुख्यात शेरू से आपसी रंजिश में मारपीट हुई थी। इसके बाद चंदन बेउर जेल भेज दिया गया। चंदन की हत्या के पीछे पुलिस प्रथमदृष्टया शेरू और चंदन के बीच गैंगवार ही मान रही है।
शेरू के नेटवर्क से जुड़े अपराधियों की तलाश
शेरू सिंह और चंदन मिश्रा पहले संगठित रूप से कई वारदात को अंजाम दे चुके हैं। दोनों के बीच पहले घनिष्ठ संबंध थे, लेकिन कुछ वर्ष पहले ज्वेलरी दुकान में लूट और एक हत्या की घटना के बाद से दोनों में दुश्मनी हो गई। बताया जा रहा है तब से शेरू चंदन की हत्या की योजना बनाने में जुट गए।
शेरू अभी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद है, लेकिन वह वहीं से अपने नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है। पुलिस यह भी मान रही है कि चंदन की हत्या के लिए शेरू ने अपने नेटवर्क के जरिए शूटरों को सेट किया। घटना को अंजाम देने के लिए बक्सर के शूटर के साथ ही उसने पटना में दो शूटरों को हायर किया गया था।
पटना एम्स में ऑपरेशन से किया था मना
बेउर जेल प्रशासन की मानें तो चंदन को फिस्टुला की परेशानी पहले से थी। बीच में उसे उपचार के लिए पटना एम्स भी ले जाया गया था, लेकिन वहां उसने ऑपरेशन कराने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पैरोल पर बाहर आने के बाद चंदन 15 जुलाई की सुबह पारस एचएमआरआई अस्पताल में भर्ती किया गया था।
उसी दिन ऑपरेशन किया गया। फिर उसे उसे प्राइवेट वार्ड नंबर 209 में भर्ती किया गया था। डाक्टरों ने उसे बुधवार को ही डिस्चार्ज की अनुमति दी थी, लेकिन मरीज व स्वजन ने गुरुवार को अस्पताल से ले जाने बात कही।
जेल से बाहर चंदन पर फायरिंग आसान नहीं
सजायाफ्ता चंदन मिश्रा की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए शेरू का नेटवर्क काम कर रहा था। जैसे ही तीन जुलाई को बेउर जेल से पैरोल पर बाहर आया, उस बक्सर भी गया था, लेकिन चंदन खुद ही गैंगस्टर था और उसके आसपास हमेशा लोग होते थे।
पारस में उसे गोलियां तक मारी गई थी, जिस समय अस्पताल में लोगों की संख्या कम होती है या फिर अधिकांश लोग इधर उधर होते है। वहां चंदन पर अटैक होगा इसकी कल्पना भी उसके साथियों ने नहीं की थी। इसी का फायदा उठाने के लिए पटना के दो शूटरों बादशाह और एक अन्य को भी गिरोह में शामिल किया गया था।
शूटआउड को लीड कर रहा था बादशाह
चंदन की हत्या में शामिल पांचों शूटरों में सबसे आगे चल रहे शूटर की पहचान तौसीफ रजा उर्फ बादशाह के रूप में हुई है। वहीं शूटआउट को लीड कर रहा था। वारदात के बाद पांचों शूटर दो बाइक से फरार हो गए। इस दौरान एक जगह एक शूटर बाइक पर पिस्टल लहरा रहा था और मुस्कुरा रहा था। जैसे इन्होंने उपलब्धि हासिल कर ली हो।
"नाम से शहर डोलता है ये हम नहीं अखबार बोलता है"
तौसीफ मूलरूप से फुलवारीशरीफ का रहने वाला है। पटना के एक नामी स्कूल से पढ़ाई किया। वह इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहता है। एक्स, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर उसका तौसीफ बादशाह नाम से अकाउंट मिला। हालांकि एक्स पर 30 जून के बाद उसने कोई पोस्ट शेयर नहीं किया। कहीं पटना की सड़कों पर पैदल तो कभी कार में बैठकर रील बनाया, जिसमें अलग अलग फिल्मी डायलॉग है।
एक्स पर उसके जिनते भी रील पोस्ट किए गए, उसमें डायलाग के साथ शायरी भी लिखा। यहां तक की पूर्व में जब वह जेल से पेशी के लिए लाया गया था, तब भी उसका रील पोस्ट हुआ था। उसके कई रील में "नाम से शहर डोलता है ये हम नहीं अखबार बोलता है", "जिस जंगल में तुम शेर बने घूमते हो उस जंगल के बेखौफ शिकारी हैं हम" इस तरह डायलॉग हैं।
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